ए.चक्रवर्ती
अभिनेत्री सयानी गुप्ता इन दिनों वेब सीरीज ‘फोर मोर शाॅटस’ में दामिनी राय के रोल में नजर आ रही हैं। बेशक वेब सीरीज में सयानी को बहुत अच्छे मौके मिले हैं, लेकिन आठ साल के फिल्मी करिअर में उन्हें फिल्मों के छोटे-छोटे रोल से ही संतुष्ट होना पड़ा। कई फिल्मों में तो उनके रोल को रिलीज से पहले उड़ा दिया गया। साल 2016 की अक्षय कुमार की फिल्म ‘जाॅली एलएलबी-2’ में उनके किरदार हिना सिद्दीकी को सिने प्रेमी आज तक नहीं भूले है। इसके बाद से ही उन्हें बड़ी फिल्मों में भी छोटे-छोटे रोल मिलने लगे। बड़ा फायदा उन्हें वेब सीरीज में मिला। उनके मुताबिक, वेब सीरीज ने उन्हें अच्छे मौके दिए हैं। जाहिर है अभिनय के किसी भी माध्यम से खुद को व्यस्त रखना उन्होंने बखूबी सीख लिया है।
मंथन के दौर में आयुष्मान
आयुष्मान खुराना चिंतन के मूड में हैं। वैसे बाला, शुभ मंगल सावधान के बाद गुलाबो सिताबो उनकी तीसरी ऐसी फिल्म थी, जिसे दर्शकों का बहुत अच्छा साथ नहीं मिला। यहां तक कि लाॅकडाउन के दौरान ओटीटी पर रिलीज इस फिल्म को भी दर्शकों ने कुछ खास पसंद नहीं किया। लगता है एक बार फिर फ्लॉप फिल्मों ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया है। पर कठिन वक्त से निकलना भी आयुष्मान को बखूबी आता है। 2012 में विकी डोनर की आशातीत सफलता के बाद वह ‘नौटंकी साला’, ‘हवाईजादा’, ‘बेवकूफियां’ जैसी कई बकवास फिल्मों के मकड़जाल में फंस गए थे। फिर ‘दम लगा के हइसा’ ने उन्हें थोड़ी-सी राहत दी। मगर ‘मेरी प्यारी बिंदु’ के दौरान उन्हें जैसे ही इस बात का आभास हुआ कि कहीं न कहीं उन पर एक अघोषित बंदिश लगाई जा रही है, वह झट यशराज कैंप से बाहर निकल आए। फिर उन्होंने बाहर के निर्माताओं की फिल्मों को तवज्जो दी। इसके बाद ‘बरेली की बर्फी’, ‘शुभ मंगल सावधान’, ‘अंधाधुन’, ‘बधाई हो’, ‘ड्रीम गर्ल’ जैसी सफल फिल्मों ने फिर उनकी बात बना दी। ऐसे में वह छोटे निर्माताओं का सुपर स्टार बनकर ही संतुष्ट थे, पर इधर कुछ फिल्मों ने फिर मामला गड़बड़ कर दिया। अब लाॅकडाउन में वह फिर नये सिरे से अपनी शीघ्र शुरू होने वाली फिल्मों का मंथन कर रहे हैं।
स्नेहा की नयी संभावनाएं
लाइम लाइट में न के बराबर रहने वाली सुरीली संगीतकार स्नेहा खानवालकर ने हाल ही में रिलीज ‘रात अकेली है’….में बहुत कर्णप्रिय संगीत दिया है। असल में स्नेहा की पिछली फिल्मों ‘गैंग आॅफ वासेपुर’, ‘खूबसूरत’, ‘ब्योमकेश बख्शी’, ‘सरकार राज’ जैसी फिल्मों के संगीत को देखें तो यह बात बिल्कुल सही लगती है। मगर यह स्नेहा का दुर्भाग्य रहा है कि छोटे बैनर की फिल्मों ने उन्हें एक खास दायरे में कैद कर दिया है। अब रोनी स्क्रूवाला जैसे बडे प्रोड्यूसर की फिल्म ‘रात अकेली है’ के बाद उन्हें एक नयी संभावना दिख रही है। कुछेक वेब सीरीज और बड़े निर्माताओं की दो फिल्मों के आॅफर मिलें है। स्नेहा को लगता है कि 16 साल बाद उनके करिअर को एक नया पड़ाव मिला है।
दक्षिण की फिल्मों से खुश सोनू
अभिनेता सोनू सूद की इस वक्त चारों ओर चर्चा है। उनका स्टारडम भी चरम पर है। वह बेहिचक मानते हैं कि उनके इस स्टारडम में हिंदी से ज्यादा साउथ की फिल्मों ने बड़ा योगदान दिया है। बीच-बीच में वह हिंदी फिल्में भी करते हैं। पिछले दिनों उन्होंने चंद्रपकाश द्विवेदी निर्देशित यशराज की फिल्म पृथ्वीराज की शूटिंग की। इसमें अभिनेता अक्षय कुमार पृथ्वीराज चैहान की मुख्य भूमिका कर रहे हैं। वह मानते हैं कि जब से दक्षिण की फिल्में धड़ल्ले से हिंदी में डब होकर आने लगी हैं, बाॅलीवुड वालों ने उनका नये ढंग से मूल्यांकन शुरू किया है।
सोनू साउथ की फिल्मों का दामन नही छोड़ना चाहते हैं। वहां के काम करने की अनुशासनात्मक आदत उन्हें बहुत प्रभावित करती हैं। वह हंसकर बताते हैं,‘सिर्फ मैं ही क्यों, हिंदी फिल्मों के कई अच्छे एक्टर ने अब यहां काम शुरू कर दिया है।’ बात वाजिब है पिछले वर्षों में सियाजी शिंदी, मुकेश ऋषि, रवि किशन, आशुतोष राणा, अखिलेंद्र मित्र जैसे कई एक्टरों ने तो यहां डेरा डाल लिया है। यहां तक कि मनोज बाजपेयी जैसे एक्टर भी यहां की फिल्मों में काम कर रहे हैं।
‘योर ऑनर’… जिमी शेरगिल आ गए हैं
हाल ही में वेब सीरीज ‘योर ऑनर’ में बेहद संजीदा अभिनेता जिमी शेरगिल का नया अंदाज़ नजर आया। ढेरों हिंदी और पंजाबी फिल्मों में काम करने वाले जिमी ने 1996 में अपनी पहली फिल्म ‘माचिस’ के बाद से पीछे मुड़ कर नहीं देखा। वह मानते हैं कि यदि नुक्ताचीनी कर हर फिल्म को खारिज करने लगें तो उन्हें घर पर ही बैठ जाना पड़ेगा। सेल्यूलॉयड के किसी भी माध्यम पर काम की ललक उनमें साफ दिखती है। यही वजह है कि योर आॅनर से उन्होंने वेब सीरीज में जोददार कदम रखा है। सात घंटे लंबी वेब सीरीज योर आॅनर में जस्टिस जज बिसन खोसला के तौर पर वह नजर आए हैं। जज खोसला न्यायिक व्यवस्था के एक अहम पद पर हैं, पर अपने टीनएजर बेटे को एक अपराध में दंडित होने से बचाने के लिए वह कुछ भी कर जाते हैं।
खामोश नहीं रहना चाहते शत्रुघ्न सिन्हा
संजीदा अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा अचानक जिस तरह से अभिनेता सुशांत के पक्ष में बोले हैं, उससे दो खेमें में बंट चुके बाॅलीवुड के सुशांत गुट को बड़ी ताकत मिली है। एक टीवी साक्षात्कार में शत्रु ने खुलकर कंगना की बात का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में बाॅलीवुड में जो गंदगी देखने को मिली वह उनके समय में न के बराबर थी।
उनके मुताबिक, उनके दौर के ज्यादातर एक्टर देव साहब से लेकर धरम जी तक, फिर अमित, जितेन्द्र, विनोद खन्ना, विनोद मेहरा, रणजीत आदि आसानी से फिल्मों में नहीं आ गए थे। उन्हें भी मेरी तरह से छोटे-छोटे रोल से अपना करिअर शुरू करना पड़ा था। गौर हो कि अमूमन सियासत की बात करने वाले शत्रु फिल्म इंडस्ट्री की बात करने से काफी बचते रहे हैं।
कुमार शानू…पुराने गानों ने दी नयी ताकत
लोकप्रिय गायक कुमार शानू को भी म्यूजिक माफिया की गुटबंदी का श्किार होना पड़ा है। पर ‘90 के दौर में ढेरों सुपर हिट गाने गा चुके इस प्रतिभाशाली गायक ने कभी इन इसकी परवाह नहीं की। फैन्स की डिंमाड पर वह स्टेज शो करते रहे, लेकिन लाॅकडाउन में ऐसे शोज रुक गये। उन्होंने इसे सहज रूप में लिया। इधर उनके कुछ हिट गाने सोशल मेीडिया में खूब बजते रहे। इससे निजी तौर पर शानू दा बहुत खुश होते हैं। वैसे वह क्षेत्रीय फिल्मी गानों में मशगूल हैं।