मुंबई, 9 जून (एजेंसी)अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा है कि बॉलीवुड में ‘‘सबसे अधिक भुगतान पाने” वाली अभिनेत्री होने के बावजूद वह समय पर अपने कर का भुगतान नहीं कर पा रही हैं, क्योंकि उनके पास ‘‘कोई काम नहीं” था। उन्होंने मंगलवार रात को अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि उन्हें सरकार को कुल देय टैक्स का आधा अभी देना है। रनौत ने कहा, ‘‘भले ही मैं उच्चतम टैक्स स्लैब के तहत आती हूं और अपनी आय का लगभग 45 प्रतिशत कर के रूप में देती हूं, भले ही मैं सबसे अधिक कर देने वाली अभिनेत्री हूं, लेकिन काम नहीं होने के कारण मैंने अपने पिछले साल के कर का आधा भुगतान नहीं किया है, मेरे जीवन में पहली बार मुझे कर चुकाने में देरी हो रही है।” हाल में कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने वाली अभिनेत्री ने कहा कि सरकार बकाया राशि पर ब्याज ले रही है, और वह इस कदम का स्वागत करती हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे कर चुकाने में देर हो रही है, लेकिन सरकार इस बकाया कर राशि पर ब्याज वसूल रही है, फिर भी मैं इस कदम का स्वागत करती हूं। व्यक्तिगत रूप से हमारे लिए समय कठिन हो सकता है लेकिन हम सब साथ मिलकर वक्त से मजबूत बन सकते हैं।”
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।