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Hugh Grant : हॉलीवुड स्टार ह्यूग ग्रांट ने शेयर की फैमिली हिस्ट्री, कहा- शायद मैं आधा भारतीय हूं

ह्यूग ग्रांट ने मजाक में कहा कि वह शायद आधे भारतीय हैं: ‘मेरे पिता भारत में पैदा हुए थे'

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Hugh Grant : ब्रिटिश अभिनेता ह्यूग ग्रांट ने शनिवार को कहा कि उनके पिता का जन्म भारतीय उपमहाद्वीप के एक अज्ञात उत्तरी शहर में हुआ था, जो अब शायद पाकिस्तान में हो सकता है और उन्होंने मजाक में कहा कि इससे वह ‘‘आधे भारतीय'' बन गए। ‘‘फोर वेडिंग्स एंड ए फ्यूनरल'', ‘‘नॉटिंग हिल'' और ‘‘लव एक्चुअली'' जैसी रोमांटिक फिल्मों के लिए प्रसिद्ध ब्रिटिश अभिनेता ग्रांट ने यहां 23वें ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट' में कहा, ‘‘मेरे पिता एक सैनिक थे।

वास्तव में, उनका जन्म भारत में हुआ था। मुझे उनका जन्म प्रमाण पत्र ढूंढना पड़ा, और यह सच में बहुत मुश्किल काम था। यह उत्तरी भारत का कोई अनजान शहर था। अब यह शायद पाकिस्तान में हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनका जन्म या तो भारत में हुआ था या पाकिस्तान में। मुझे लगता है कि इस वजह से मैं वास्तव में आधा भारतीय हूं। ग्रांट ने 1988 में अपनी पहली भारत यात्रा को याद किया। अभिनेता ने बताया कि वह कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में ‘‘ला नुइट बंगाली'' (द बंगाली नाइट) की शूटिंग के लिए भारत आए थे।

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उन्होंने कहा कि मैंने 1988 में कोलकाता में एक बहुत ही कलात्मक फिल्म, फ्रेंच, ‘ला नुइट बंगाली' की शूटिंग की थी और मुझे कोलकाता में रहने में बहुत आनंद आया। हालांकि लोगों ने कहा, ‘ह्यूग, यह आपके लिए एक सांस्कृतिक झटका होगा।' और ऐसा हुआ भी लेकिन मुझे यह बहुत पसंद आई। अभिनेता ने भारत में मिले एक चालक के बारे में एक मजेदार कहानी साझा की। जब मैं वहां पहुंचा, तो उसने (चालक) अपना परिचय बिशु के रूप में दिया और वह 12 साल का लग रहा था। मुझे लगता है कि वह 13 साल का रहा होगा और मैंने कहा, ‘क्या तुम गाड़ी चला सकते हो? और उसने कहा ‘हां'। और तीन सप्ताह के भीतर, एक दुर्घटना हो गई और उसे नौकरी से निकाल दिया गया।

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ग्रांट ने कहा कि मैंने उसे कुछ महीनों तक नहीं देखा था और फिर कोलकाता की सड़कों पर मेरी उससे मुलाकात हुई और मैंने पूछा, ‘बिशु, कैसे हो? क्या हो रहा है?' और उसने कहा, ‘सब ठीक है सर, मुझे नयी नौकरी मिल गई है, अब मैं स्कूल बस चला रहा हूं।' वह बहुत अच्छे थे। देश की अपनी यात्रा के दौरान वह कई लोगों से मिले और उनसे प्यार करने लगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोलकाता में समाज के प्रतिष्ठित लोगों के साथ घुल-मिल गया था, मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ। क्योंकि फ्रांसीसी क्रू, निर्देशक, क्रू, वे सभी स्थानीय संस्कृति में ढल गए थे, उन्होंने स्थानीय कपड़े पहनना शुरू कर दिया।

उन्होंने कहा कि मैं कोलकाता में कॉकटेल पार्टियों और पोलो में जाने लगा। मुझे नहीं पता था कि जिंदगी कहीं और भी होती है लेकिन कोलकाता में तो थी। टॉलीगंज क्लब में मैं और मुनमुन सेन जैसे लोग वहां पार्टियों में जाते थे, मैंने वहां बहुत अच्छा समय बिताया। ‘‘ला नुइट बंगाली'' फिल्म में ग्रांट और सुप्रिया पाठक मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में सिनेमा जगत की दिग्गज हस्तियां शबाना आजमी और दिवंगत सौमित्र चटर्जी भी प्रमुख भूमिकाओं में थे। अभिनेता राहुल खन्ना के साथ बातचीत कर रहे ग्रांट से भारतीय सिनेमा के बारे में उनकी जानकारी के बारे में पूछा गया।

उन्होंने कहा कि मैंने सत्यजीत रे की कुछ फिल्में देखी हैं, हम उनके स्टूडियो का इस्तेमाल करते थे और वह काफी प्रतिभाशाली थे। लेकिन मैं यह दिखावा नहीं कर सकता कि मैंने ज्यादा बॉलीवुड देखा है। अपने शुरुआती करियर में ग्रांट ने 1987 में मर्चेंट आइवरी प्रोडक्शन की फिल्म ‘‘मौरिस'' में काम किया था। इस फिल्म का निर्देशन लेखक-निर्देशक जेम्स आइवरी ने किया था, जिन्होंने अपने भारतीय सहयोगी इस्माइल मर्चेंट के साथ मिलकर इसका निर्माण किया था।

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