Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

सर्दी, रेन, रैन, सभी हैं, पर नहीं है कोई बसेरा

सुभाष पौलस्त्य/निस पिहोवा, 28 दिसंबर पिहोवा में इस सर्दी के मौसम में अचानक देर रात आए किसी यात्री को रात बिताने के लिए कोई रैन बसेरा ही नहीं है। दो दिन से पड़ती बरसात तथा जोर पकड़ती सर्दी, ऐसे में...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

सुभाष पौलस्त्य/निस

पिहोवा, 28 दिसंबर

Advertisement

पिहोवा में इस सर्दी के मौसम में अचानक देर रात आए किसी यात्री को रात बिताने के लिए कोई रैन बसेरा ही नहीं है। दो दिन से पड़ती बरसात तथा जोर पकड़ती सर्दी, ऐसे में कोई अनजान व्यक्ति किस स्थान पर अपनी रात गुजारेगा। इसका अंदाजा न प्रशासन लगा सका तथा न ही कोई समाज सेवी संस्था।

Advertisement

पिहोवा एक तीर्थ स्थान है, परंतु आज तक प्रशासन ने यहां पर देर-सवेर आने वाले किसी तीर्थ यात्री व अनजान व्यक्ति के लिए कोई रैन बसेरा ही नहीं बनाया। हालांकि लगभग 5 वर्ष पूर्व पिहोवा में एक स्थायी रैन बसेरा बनाया गया था, परंतु वह एक साल भी पूरा न कर सका।

एक साल के भीतर ही उस रैन बसेरे के भवन में पिहोवा शहर के लिए पुलिस थाना बना दिया गया। तब से लेकर आज तक देर-सवेर आने वाले किसी भी यात्री के लिए रात गुजारने के लिए कोई रैन बसेरा ही नहीं बना।

खानापूर्ति करने में पालिका व प्रशासन माता बाला सुंदरी धर्मशाला व अग्रवाल धर्मशाला के बाहर बैनर व बोर्ड रैन बसेरे के लगा देता है, परंतु कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करता। हैरानी की बात है कि इस बार तो कोई इश्तिहार एवं बैनर भी प्रशासन ने नहीं लगाया। अग्रवाल धर्मशाला के कर्मचारी मीरचंद से जब बात की गई तो उसने बताया कि रैन बसेरे के लिए उन्हें अभी तक किसी ने भी कोई बात नहीं की है। वहीं, जब इस बारे माता बाला सुंदरी मंदिर के श्रवण कुमार से बात की तो उन्होंने भी इनकार करते हुए बताया कि इस बार प्रशासन ने रैन बसेरे के बारे कोई चर्चा तक भी नहीं की।

हालांकि इससे पहले रैन बसेरा प्रशासन के बैनर के भरोसे ही चलता रहा। धर्मशाला के कारण रात्रि को कर्मचारी हर आने वाले तीर्थ यात्री व आगंतुकों को ठहरने का स्थान व भोजन उपलब्ध कराते रहते हैं। रैन बसेरा के बारे जब स्थानीय एसडीएम अमन कुमार से बात की तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि इस बार कोई रैन बसेरा नहीं बनाया गया। बाद में उन्होंने फोन पर बताया कि सीता देवी धर्मशाला में रैन बसेरा बनाया गया है। यह सूचना उन्हें पालिका कर्मचारियों ने दी है, जबकि यह बात वास्तविकता से कोसों दूर है।

शिव सेना हिंदुस्तान के प्रधान रोशन लाल भट्ट माजरा ने बताया कि सरस्वती तीर्थ के पास अनेक बूढ़े भिखारी, महिलाएं और अन्य गरीब लोग रहते हैं, जो खुले में जीवन गुजारते हैं। सर्दी में उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ती है। ठंड से कई भिखारियों की मौत भी हो चुकी है। उन्होंने सरस्वती तीर्थ के निकट रैन बसेरा बनाने की मांग करते हुए कहा कि इससे बेसहारा को सहारा मिलेगा।

Advertisement
×