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उचाना में मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन का दौरा

बोले- विकास की योजना बन रही, प्लानिंग के साथ होगा विकास

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उचाना के विधायक देवेंद्र अत्री तीर्थ मॉनिटरिंग चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा के साथ। -निस
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उचाना, 9 जनवरी (निस)

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 48 कोस परिधि में आने वाले उचाना के तीन तीर्थों का दौरा करने के लिए कुरुक्षेत्र 48 कोस तीर्थ मॉनिटरिंग चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा पहुंचे। भाजपा विधायक देवेंद्र चतुर्भुज अत्री उनके साथ इस दौरान मौजूद रहे।

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खांडा, कसूहन में कायाशोधन तीर्थ, लोधर के महर्षि लोमश ऋषि तीर्थ का जायजा लिया। कुरुक्षेत्र 48 कोसी भूमि के अधीन 182 तीर्थ आते हैं।

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उचाना क्षेत्र के अधीन आने वाले कसूहन, लोधर, खांड के तीर्थ भी उनमें शामिल हैं। कसूहन के कायाशोधन तीर्थ को लेकर मान्यता है कि राजा पटियाला कुष्ठ रोग से पीड़ित थे, तो कायाशोधन तीर्थ पर नहाकर उनका कुष्ठ रोग दूर हो गया था।

महाराजा ने उस समय आठ एकड़ जमीन इस तीर्थ को लेकर दी, जो आज भी इसके नाम है। महाराज द्वारा हर साल तीर्थ को लेकर 18 रुपये की राशि दी जाती थी। इस तीर्थ को लेकर एक मान्यता यह भी बताई गई है कि कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत युद्ध के दौरान पांडव सेना में शामिल जो सैनिक घायल होते थे, उनके घाव भी यहां पर नहाने से ठीक हुआ करते थे।

कायाशोधन तीर्थ का पुराना इतिहास : अत्री

भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री ने कहा कि कायाशोधन तीर्थ का इतिहास बहुत पुराना है। यहां पर स्नान करने से कुष्ठ रोग से मुक्ति मिलती थी। राजा-महाराजा यहां पर स्नान करते थे। यहां स्नान करने के बाद किसी दूसरी जगह स्नान करने की जरूरत नहीं, इस तीर्थ का इतना महत्व है। इसके विकास को लेकर हम आए थे। इससे पहले खांडा गांव भी गए। विकसित उचाना का सपना लेकर हम चले हैं। पानी की समस्या है, जिसके लिए कार्य किया जाएगा।

तीर्थों के विकास की योजना

तीर्थ मॉनिटरिंग चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र 48 कोसीय भूमि है, जिसमें 182 तीर्थ चिन्हित हैं। उन तीर्थों के विकास की योजना लगातार बन रही है। कुछ कार्य पहले हो रहे हैं, कुछ बाद में। उन्होंने कहा कि, जब से 2014 में भाजपा की सरकार आई है, पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल द्वारा और अब सीएम नायब सिंह सैनी द्वारा घोषणा की गई है कि कुरुक्षेत्र की परिधि में आने वाले सभी तीर्थों का विकास होगा। पहले प्लॉनिंग बनाकर चरणबद्ध तरीके से काम होंगे। सभी काम पूरे होंगे।

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