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कमालपुर में सुलझा श्मशान का विवाद, दोनों पक्षों में सहमति

कलायत, 20 मई (निस) गांव कमालपुर में श्मशान घाट और तालाब की जमीन को लेकर 2 समुदायों के बीच तनाव प्रशासन की सूझबूझ से खत्म हो गया। शनिवार से गांव में तनाव की स्थिति थी। मंगलवार को एसडीएम अजय हुड्डा,...
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कलायत के गांव कमालपुर में बुधवार को मौके पर मौजूद प्रशासनिक अमला। निस
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कलायत, 20 मई (निस)

गांव कमालपुर में श्मशान घाट और तालाब की जमीन को लेकर 2 समुदायों के बीच तनाव प्रशासन की सूझबूझ से खत्म हो गया। शनिवार से गांव में तनाव की स्थिति थी। मंगलवार को एसडीएम अजय हुड्डा, तहसीलदार दिनेश ढिल्लों, नायब तहसीलदार महेश कुमार, बीडीपीओ समिता ठाकुर, डीएसपी ललित कुमार और थाना प्रभारी जय भगवान गांव पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की। एक पक्ष के श्मशान घाट की तारबंदी कर उसकी सीमा तय की। इसमें दोनों पक्षों में सहमति बनी। समझौते के तहत तालाब की खुदाई से निकली मिट्टी को खसरा नंबर 133-134 और खसरा नंबर 183-184 में बने दोनों श्मशान घाटों में बराबर डलवाया जा रहा है। गांव के रघुबीर, महिपाल, मनीराम और ईश्वर शर्मा ने बताया कि आपसी सहमति से विवाद सुलझ गया है। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में पूरी कार्रवाई हुई। दूसरे पक्ष के लीलाराम, कुलदीप सिंह और मानसिंह ने बताया कि प्रशासन की मौजूदगी में जो समझौता हुआ, उस पर दोनों पक्ष राजी हैं। गांव में अब शांति का माहौल है।

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एक सप्ताह पहले शुरू हुआ कलह : ग्राम पंचायत ने खसरा नंबर 133-134 में बने तालाब की खुदाई का प्रस्ताव पास किया। खुदाई से निकली मिट्टी को पास के श्मशान में डालना शुरू किया गया। दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया। मामला बढ़ा तो प्रशासन ने एसडीएम कैथल और पुलिस बल को भेजा। दोनों पक्षों को बैठाकर समझौता कराया गया कि मिट्टी दोनों श्मशानों में बराबर डाली जाएगी। तीन-तीन ट्रालियां मिट्टी दोनों जगह पहुंच भी गई थीं, लेकिन दूसरे पक्ष ने फिर विरोध किया। इससे तनाव फिर बढ़ गया। अब दोनों पक्षों की सहमति के बाद गांव में शांति लौट आई है।

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