करनाल (हप्र) : हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलनरत बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों ने शपथ पत्र लिखकर 23 अगस्त को विभाग द्वारा ली जाने वाली लिखित परीक्षा नहीं देने का ऐलान कर दिया है। शनिवार को करनाल में 64 पीटीआई ने जिला सचिवालय के बाहर खड़े होकर परीक्षा न देने की शपथ ली। इस मौके पर समिति के जिला प्रधान संदीप बलड़ी ने कहा कि पूरे प्रदेश में बर्खास्त पीटीआई ने लिखित परीक्षा का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि नौ अगस्त के सर्व कर्मचारी संघ के जेल भरो आंदोलन में पीटीआई बढ़चढ़ कर शामिल होंगे। धरना स्थल पर सर्व कर्मचारी संघ असंध ब्लाक से अंकित राणा, रमेश कुमार, विनोद कुमार, तेजबीर व महीपाल क्रमिक अनशन पर बैठे। इस अवसर पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान अनिल सैनी, कृष्ण निर्माण, एसपी त्यागी, वीना, मीना भारद्वाज, रीना, अन्नु, सुदेश, नीलम व रानी आदि मौजूद रहे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।