मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

चाचा नेहरु के निधन के बाद लावारिस हो गई नीलोखेड़ी

पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल की जयंती पर विशेष
नीलोखेड़ी में पाकिस्तान से विस्थापित लोगों के शिविर का फरवरी 1950 में निरीक्षण करते जवाहर लाल नेहरु। साथ हैं इंदिरा गांधी। (फाइल फोटो)
Advertisement

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु द्वारा बसाया गया नीलोखेड़ी शहर आज भी अपने अपेक्षित विकास की बाट जोह रहा है। नीलोखेड़ी को जवाहर नेहरु ने अपनी बेटी के नाम से नवाजा था और इसकी टाउन प्लानिंग व भौगोलिक स्थिति से प्रभावित होकर पूरे भारत में नीलोखेड़ी की तर्ज पर 10 हजार कस्बे बसाने का सपना भी संजोया था। यह भी कहा जाता है कि देश का पहला खण्ड विकास कार्यालय (बीडीओ) भी नीलोखेड़ी में ही खोला गया था। बावजूद इसके नीलोखेड़ी का नाम भारत के मानचित्र पर केवल कस्बा बनकर ही रह गया।

जवाहर लाल नेहरु केवल बच्चों से ही नहीं बल्कि हरियाणा के इस कस्बे नीलोखेड़ी से भी बेहद प्यार करते थे। विदित रहे कि भारत की आजादी के बाद पाकिस्तान से विस्थापित हुए परिवारों को बसाना पं. नेहरु के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई थी। जिसके चलते अधिकांश परिवारों को बसाने के लिए कुरुक्षेत्र समेत कर्ई अन्य स्थानों पर टेंट लगाए गए थे। नीलोखेड़ी को बसाने के लिए पं. नेहरु ने इसकी टाउन प्लानिंग आदि के लिए तत्कालीन पुनर्वास विभाग के मंत्री इंजीनियर एसके डे को जिम्मा सौंपा। नीलोखेड़ी के निर्माण के बाद विस्थापित लोगों को अपनी आजीविका कमाने व परिवार की गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए यहां कई रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण शिविर लगाकर उन्हें काम का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान नेहरु ने नीलोखेड़ी में चल रहे शिविरों का 2-3 बार दौरा किया।

Advertisement

कहा जाता है कि 1951 में जब जवाहर लाल नेहरु का अचानक नीलोखेड़ी आने का कार्यक्रम बना तो उनके आगमन से कुछ घंटे पूर्व उन्हें ठहराने के लिए गोल मार्केट के निकट विश्राम गृह का निर्माण किया गया। यह विश्राम गृह अब एक जर्जर भवन के रूप में तबदील हो चुका है। एसके डे द्वारा बनाई प्लानिंग को देखकर नेहरु अत्याधिक प्रभावित हुए। उनके इस दौरे में उनकी बेटी इंदिरा गांधी भी उनके साथ थीं। नेहरु ने नीलोखेड़ी को अपनी बेटी की संज्ञा देते हुए इस तर्ज पर 10 हजार कस्बे बसाने का सपना देखा था, लेकिन प. नेहरु के निधन के बाद सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया। हांलाकि इस तर्ज पर बसे फरीदाबाद और राजपुरा टाउन महानगरों का रूप लेकर विकास का पर्याय बन चुके हैं।विधायक भगवानदास कबीरपंथी ने बताया कि नीलोखेड़ी क्षेत्र में विकास की कोई कमीं नहीं रहने दी जाएगी। सभी रुके हुए विकास कार्य जल्द शुरु करवा दिए जाएंगे। प्रदेश की भाजपा सरकार पूरे प्रदेश को एक परिवार मानते हुए समुचित व एक समान विकास कार्यों में विश्वास रखती है।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newslatest news
Show comments