लालूपुरा में रात्रि ठहराव, अफसरों ने सुनीं 35 शिकायतें
हरिकृष्ण आर्य/निस
घरौंडा, 1 जून
गांव लालूपुरा में शनिवार रात जिला प्रशासन की टीम ने रात्रि ठहराव कर ग्रामीणों की समस्याओं को जाना। रात्रि ठहराव में पहुंचे करनाल के एसपी गंगाराम पूनिया और जिला परिषद के सीईओ व कार्यवाहक एडीसी गौरव कुमार ने ग्रामीणों से खुलकर बातचीत की और उनकी व्यक्तिगत व सामूहिक शिकायतें सुनीं। गांव के लोगों को पहली बार मौका मिला कि वे अपनी बात सीधे जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंचा सकें।
कार्यक्रम के दौरान कुल 35 ग्रामीणों ने अधिकारियों के सामने व्यक्तिगत समस्याएं रखीं। इनमें से कुछ समस्याओं का मौके पर ही निपटारा किया गया, जबकि बाकी शिकायतों को संबंधित विभागों को भेजा गया। अधिकारियों ने निर्देश दिए कि शेष शिकायतों का समाधान जल्द से जल्द किया जाए। ग्रामीणों की प्रमुख सामूहिक मांगों में पशु अस्पताल खोलने का मुद्दा सबसे ऊपर रहा। उन्होंने बताया कि लालुपूरा में लगभग हर घर में एक या अधिक पशु हैं। जब पशु बीमार पड़ते हैं तो इलाज के लिए दूसरे गांव या शहर जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। ग्रामीणों ने मांग की कि गांव में ही पशु अस्पताल की सुविधा दी जाए ताकि पशुपालकों को राहत मिल सके। साथ ही गांव के तालाब के बार-बार ओवरफ्लो होने की समस्या भी प्रमुखता से सामने आई। ग्रामीणों ने बताया कि तालाब का पानी गलियों में भर जाता है, जिससे बरसात के दिनों में काफी दिक्कत होती है। पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने ग्रामीणों से पुलिस से जुड़ी समस्याएं पूछीं, लेकिन किसी ने कोई शिकायत नहीं की। एसपी ने कहा कि गांव लालुपूरा के लोग शांतिपि्रय हैं। यहां माइनिंग, नशा या कोई अवैध गतिविधि नहीं पाई गई। उन्होंने कहा कि ऐसे रात्रि ठहराव का उद्देश्य अफसरों और ग्रामीणों के बीच संवाद को मजबूत बनाना है। एसपी पूनिया ने गांव के बच्चों और युवाओं को अच्छी शिक्षा लेने और नए कौशल सीखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि युवा ही देश का भविष्य हैं और मेहनत से ही वे अपनी और देश की तरक्की सुनिश्चित कर सकते हैं।
सरकारी स्कूल को अपग्रेड करने की अपील
ग्रामीणों ने गांव के स्कूल को अपग्रेड करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि गांव में शिक्षा की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे गांव या शहर न जाना पड़े। इसके अलावा ग्रामीणों ने गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की, जिससे असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखी जा सके। ग्रामीणों का कहना था कि इससे गांव में चोरी-छिपे होने वाली घटनाओं पर अंकुश लगेगा। जिला परिषद के सीईओ गौरव कुमार ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी प्रमुख मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों से फिजिब्लिटी रिपोर्ट मंगवाई जाएगी और जो मांगें सही पाई जाएंगी, उन्हें जल्द लागू करवाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो पात्र लोग अब तक आवेदन नहीं कर पाए हैं, वे 7 जून तक सरल केंद्र पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।