करनाल, 9 मई (हप्र)
शहरी क्षेत्र से हर रोज निकलने वाला कचरा अब बेकार नहीं रहा। यह नगर निगम की कमाई का जरिया बन गया है और साथ ही जिले के किसानों को मुफ्त खाद भी मिल रही है।
करनाल के शेखपुरा स्थित साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में तैयार करीब 1200 टन कम्पोस्ट लोकल किसानों को वितरित की गई है, जबकि 800 टन के करीब अभी प्लांट में मौजूद है।
खाद किसानो को प्रेरित करने के लिए फ्री में वितरित की जाती है। इसके अलावा प्रोसेसिंग प्रक्रिया में से सूखी लकड़ी के टुकड़े, प्लास्टिक, रबड़ व बेकार कपड़े के पीस जैसी चीजें आरडीएफ के रूप में निकलती हैं, जिसे पानीपत स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट व अम्बूजा सीमेंट फैक्टरी हिमाचल प्रदेश में भेजा जा रहा है। प्लांट के आरडीएफ (रिफ्यूज़ड डिराईव्ड फ्यूल) सेक्शन प्री-सेग्रीगेशन से निकले कूड़े-कचरे में से बेकार रस्सी, कपड़ा, नारियल व लकड़ी के टूकड़े छांटे जाते हैं, जिन्हें आरडीएफ सेक्शन में लगी मशीनो में ले जाकर फ्यूल के बंडल बनाए जाते हैं, जो बायलरों, सीमेंट फैक्ट्रियों व ईंट के भठ्ठों में इस्तेमाल किये जाते हैं। नगर निगम आयुक्त नरेश नरवाल ने सोमवार को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयत्र का दौरा कर निस्तारणा प्रक्रिया से जुड़े सारे हालात का जायजा लिया और प्लांट में लगी प्री व पोस्ट सेग्रीगेशन मशीन, रिफाइनमेंट व आरडीएफ सेक्शन का निरीक्षण कर उनकी कारगुजारी को जांचा।
कचरा निस्तारण का कार्य हो रहा तेजी से
निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त ने बताया कि प्लांट में कचरा निस्तारण का कार्य तेजी से हो रहा है। उन्होंने बताया कि रोजाना शहर से 160 से 180 टन कचरा प्लांट में पहुंचता है, जिसमें से 150 टन कूड़े की रोजाना प्रोसेसिंग की जाती है, इस कार्य में 4 ट्रोमल मशीने कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी को प्लांट की क्षमता बढ़ाने बारे भी कहा गया है।
लीगेसी वेस्ट प्लांट का भी किया निरीक्षण
सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के पश्चात निगमायुक्त ने लीगेसी वेस्ट प्लांट का निरीक्षण किया। एक्सईएन अक्षय भारद्वाज ने आयुक्त को अवगत कराया कि करीब 95 हजार मीट्रिक टन वेस्ट में से 45 हजार मीट्रिक टन कचरे की प्रोसेसिंग की जा चुकी है, शेष 50 हजार मीट्रिक टन कचरे की प्रोसेसिंग की जा रही है, इस कार्य में 3 ट्रोमल मशीन लगी हैं।