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मारकंडा नदी खतरे के निशान के पास, 23,155 क्यूसिक बह रहा है पानी

पहाड़ों पर बरसात के पानी से मारकंडा नदी में सोमवार सायं 4 बजे तक जलस्तर 23,155 क्यूसिक तक जा पहुंचा। यह जलस्तर खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर कम है। गेज रीडर रविंद्र ने बताया कि कालाअंब, रून व वेगना...
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पहाड़ों पर बरसात के पानी से मारकंडा नदी में सोमवार सायं 4 बजे तक जलस्तर 23,155 क्यूसिक तक जा पहुंचा। यह जलस्तर खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर कम है। गेज रीडर रविंद्र ने बताया कि कालाअंब, रून व वेगना नदी से पानी आने का क्रम जारी है और यह देर रात तक जलस्तर 28 से 30 हजार क्यूसिक तक पहुंचने की उम्मीद है जो खतरे के निशान के बराबर पहुंच जाएगा। गांव कलसाना के पूर्व सरपंच विष्णु भगवान गुप्ता ने कहा है कि बाढ के पानी के कारण गांव कलसाना, मलिक पुर, मुगलमाजरा, अरूप नगर, गुमटी, कठुवा सहित अनेक गांवों में लगभग 1 हजार एकड़ की फसलों का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि किसानों के सामने पशुओं के चारे की समस्या भी पैदा हो गई है। गांव कठवा की सरपंच सुखविंद्र कौर व सरपंच प्रतिनिधि अंकित कुमार ने बताया कि फसलें पूर्णतया तबाह हो गई हैं। गांव से शाहाबाद वाया मुगलमाजरा, कठवा वाली सडक़ पूर्णतया नष्ट हो गई है और 6-6 फुट के गड्डे पड़े हैं। गांव से शहर का संपर्क टूटा हुआ है। गांव तंगौर के सरपंच सचिन राणा ने बताया कि फसलें पूर्णतया नष्ट हो गई हैं। खेतों में लबालब पानी भरा है, स्कूल के मैदान में पानी भरा है, जहरीले जंतुओं से बचकर रहना पड़ रहा है।

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