करनाल, 16 जनवरी (हप्र)
देश के लिए शहीद हुए सूबेदार रमेश चंद्र को रविवार को सैनिक सम्मान के साथ हजारों लोगों ने अंतिम विदाई दी।
गांव जाणी के 46 वर्षीय सूबेदार रमेश चंद्र की 3 बेटियों काजल, निकिता व पायल ने जब पिता को मुखाग्नि दी तो लोगों की आंखें भर आईं। रमेश चंद्र के भतीजे नरसिंह बबलू ने बताया कि रमेश बेटियों को सेना के उच्च पदों पर तैनात करवाने की बात कहा करते थे। इसके लिए उन्होंने अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाई। रमेश के साथी नायब सूबेदार नदीम अली ने बताया कि वे उनके साथ 12 राष्ट्रीय रायफल में जम्मू के बनिहाल पोस्ट पर तैनात थे। विषम परिस्थितियों में जान की परवाह किए बिना वे लगातार ड्यूटी पर तैनात रहे। कुछ दिन पहले उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो उन्हें मिलिट्री अस्पताल उद्यमपुर ले जाया गया। 15 जनवरी को रमेश शहीद हो गए। तिरंगे में लिपटे रमेश चंद्र के पार्थिव शरीर को गांव में लेकर पहुंचे अधिकारियों ने तिरंगा उनके पिता मानसिंह को सौंपा तो बहादुर बेटे की शहादत को सलाम करते हुए पिता की आंखे नम हो गई। इस मौके पर घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण ने सैनिक के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित करके उन्हें श्रंद्धाजलि दी तथा परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी देंगे और हर संभव मदद के लिए प्रयास करेंगे।
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