करनाल, 27 नवंबर (हप्र)
करनाल नगर निगम ने यहां कचरे से बनी कम्पोस्ट खाद की ब्रिकी की तैयारी कर ली है। गुणवत्ता जांचने के लिए कम्पोस्ट के सैंपल आईआईटी रूड़की भेजे गये हैं।
निगमायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने शनिवार को शेखपुरा स्थित सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का दौरा किया और निस्तारणा प्रक्रिया से जुड़े सारे हालात का जायजा लिया। तैयार कम्पोस्ट को देखकर उन्होंने कहा कि इसकी गुणवत्ता जांचने के लिए जो सैम्पल रूड़की स्थित आईआईटी में भेजे गए हैं, उनकी रिपोर्ट लेकर इसकी ब्रिकी की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों बरसात होने के कारण कचरा गीला हो गया था, जिसके कारण इसके निस्तारण में कुछ देरी हुई, परंतु मौसम उपयुक्त होने पर प्लांट में कचरा निस्तारण का कार्य शुरू किया गया, जो अब तेजी से हो रहा है।
उन्होंने बताया कि प्लांट पर मौजूद कम्पोस्ट की बात करें तो, 677 मीट्रिक टन कम्पोस्ट तैयार की जा चुकी है। इस प्रोसेसिंग में जो इन्अर्ट निकली है, उसका अंदाजा 555 मीट्रिक टन बताया गया। इसे अगले कुछ दिनों में एक लैंड फिल में उपयुक्त तरीके से डाला जाएगा। प्रोसेसिंग प्रक्रिया में से सूखी लकड़ी के टुकड़े व बेकार कपड़े के पीस जैसी चीजें आर.डी.एफ. के रूप में निकलती हैं, यह अंदाजे से 1050 मीट्रिक टन मौजूद पड़ा है, जिसे सोनीपत स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भेजने की तैयारियां चल रही हैं। आयुक्त ने कहा कि नगर निगम का शेखपुरा स्थित सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, मैनेजमेंट नियमों के अनुसार ही काम कर रहा है। निस्तारण के काम में पहले से तेजी आई है। उनके साथ उपनिगमायुक्त धीरज कुमार, एक्सईएन अक्षय भारद्वाज, एई सुनील भल्ला, सीएसआई सुरेन्द्र चोपड़ा, प्लांट में कूड़े-कचरे को प्रोसेस करने वाली श्री श्याम एसोसिएट और थर्ड पार्टी एजेंसी पायनियर फाउंडेशन इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि भी थे।
आठ घ्ांटे में एक मशीन करती है 350 मीटि्रक टन कचरे को प्रोसेस
निरीक्षण में निगमायुक्त ने कूड़े का निस्तारण करने वाली मशीनों के काम की जानकारी दी और बताया कि एक चैंकिंग के अनुसार 8 घंटे में एक ट्रोमल मशीन करीब 350 मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस करती है। खास बात यह है कि एक ओर ट्रोमल मशीन लगाई जा रही है, जो अगले एक-दो दिन में काम शुरू कर देगी। इससे कचरे की निस्तारण क्षमता दोगुणी हो जाएगी। उन्होंने एजेंसी की टीम को निर्देश दिए कि इन्अर्ट के लिए एक उपयुक्त साइट चिन्हित कर लें, जो प्लांट में या इसके आस-पास होनी चाहिए, उसी में इन्अर्ट की भरपाई की जाए।