
करनाल, 24 मार्च (हप्र)
नेशनल हाइवे पर नियमों की अनदेखी जीवन पर भारी पड़ रही हैं। पिछले एक साल में 390 लोगों की जान चली गई। इनमें सबसे ज्यादा मौत का कारण हाई स्पीड बनी हैं। हाई स्पीड की वजह से 237 मौत जबकि गलत दिशा में गाड़ी चलाने के चलते 123 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। हाईवे पर ओवरटेकिंग के चलते 37 जीवन छीन गए। पुलिस विभाग से मिले आकड़ों अनुसार सन 2022 में हाई स्पीड, गलत दिशा में वाहन चलाना ओर ओवरटेक करने के चलते 700 से अधिक हादसे रिकॉर्ड किए गए। इनमें हाई स्पीड के 485, गलत दिशा में वाहन चलाने के 237 तथा ओवर टेकिंग के 64 मामले दर्ज किए गए।
हाईवे पर हादसे रोकने के लिए इडार प्रोजेक्ट (आयरड) द्वारा रोड सेफ्टी सेल के साथ मिलकर हादसों के संभावित प्वाइंट व ज्यादा मृत्यु दर वाली जगहों को चिन्ह्ति करने में जुटे हैं ताकि हादसों को रोका जा सके। पोर्टल पर दुर्घटना के बारे में हर जानकारी ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज की जाती है। करनाल नेशनल हाइवे-44 पर दो प्वाइंट ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जिन पर हादसो में होने वाली मृत्यु दर ज्यादा हैं। इन खतरनाक प्वाइंट में नमस्ते चौक से सैनी कॉलोनी, दूसरा म्यूर ढाबा से थोड़े पहले से लेकर एमकेएस प्रदूषण चैकिंग सेंटर तक शामिल हैं। इनमें पहले प्वाइंट पर 7 हादसे में 6 की मौत हो चुकी हैं जबकि दूसरे प्वाइंट पर 8 हादसों में 7 की मौत हो चुकी हैं।
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