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Haryana News : हालैंड कपड़े के 350 कंटेनर पोर्ट पर रोके जाने से टेक्सटाइल बाजार हिला

आयात ड्यूटी बढ़ने और डालर महंगा होने का आयात पर असर

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प्रतीकात्मक चित्र
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महावीर गोयल/वाप्र

पानीपत, 10 मार्च

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आयात ड्यूटी बढ़ाने के साथ ही पोर्टों पर चीन से आ रहे हालैंड कपड़े के कंटेनर रोके जाने से कपड़ा बाजार विशेषकर हैंडलूम बाजार को धक्का लगा है। सरकार ने आयातित हालैंड कपड़े पर न केवल आयात ड्यूटी में इजाफा किया है, बल्कि 240 रुपये मीटर के हिसाब से बिलिंग को अनिवार्य किया है। आमतौर पर हालैंड कपड़ा बाजार में 75 रुपये मीटर तक बिकता रहा है। 10 प्रतिशत से अधिक आयात ड्यूटी बढ़ाई गई। इसका सीधा असर बाजार पर पड़ना तय है। फिलहाल पोर्ट पर कंटेनर क्लीयर नहीं हो रही। नए माल के कंटेनर आने पर भाव कहां तक मार्केट में खपता है, ये देखना बाकी है।

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चीन से आने वाले 300 -350 कंटेनर हालैंड कपड़े के विभिन्न पोर्टों पर फंसे पड़े हैं। जिससे कारोबारियों की लागत भी उलझ कर रह गई है। बाजार में वित्त तंगी छायी हुई है। कंटेनर न आने से बाजार में कारोबारी खाली बैठने कोमजबूर हैं। जिन उद्योगों में हालैंड कपड़े पर प्रिटिंग आदि का काम होता, वे भी खाली बैठे हैं। पर्दे तैयार नहीं हो रहे।

हालांकि कारोबारियों का कहना है कि ये कदम अच्छा है, इससे भारतीय उद्योगों को लाभ मिलना चाहिये। यहां के उद्योग चलेंगे, लेकिन चीन के स्तर पर उत्पादन क्वालिटी देना फिलहाल भारतीय उद्योगों के बस से बाहर है। ये डर यहां के कारोबारियों को सता रहा है। वहीं कारोबारियों को कहना है कि आयात ड्यूटी बढ़ने से स्थानीय उद्योगों को लाभ मिलेगा या नहीं, लेकिन बाजार प्रभावित हो रहा है। हालैंड कपड़े से सोफा कवर, फिक्सिंग से लेकर पर्दे तक बनाए जाते हैं। चीन से नंबर 2 में जो माल की आवाजाही हो रही थी, वह भी आयात ड्यूटी बढ़ने से प्रभावित हो रही है। इसका नुकसान भी कारोबारी समझ रहे हैं। अंडर बिलिंग का कोई मतलब नहीं बचता, जब 240 रुपए मीटर भाव निर्धारित कर दिया गया है।

डाॅलर के बढ़ते भाव से कारोबार भी प्रभावित

हालांकि फरवरी और मार्च महीने में अकसर मंदी होती है, लेकिन इस बार पिछले 4 महीने से ही बाजार मंदी की चपेट में है। अमेरिका के टैरिफ वार के चलते डाॅलर के भाव बढ़ने का बाजार पर असर है। अब आयात महंगा होता जा रहा है। विदेशों से आने वाले बेडशीट पर भी इसका असर पड़ा है। स्थानीय उद्योगों में बेडशीट का उत्पादन जरूर बढ़ा है, लेकिन उसकी डिमांड कमजोर चल रही है।

पानीपत में 10 हजार करोड़ रुपए का आयात

अकेले पानीपत में चीन से 10 हजार करोड़ का कपड़ा आयात होता है। ड्यूटी बढ़ने से आधा कपड़ा भी नहीं आ रहा है। जो ऑर्डर यहां के आयातकों ने दिए हैं, उनका माल पोर्ट पर क्लीयर होने के इंतजार में है। पिछले वर्षों में अधिक आयात होने के कारण कपड़ा कारोबारी जीएसटी के राडार पर हैं। इंक्वारी चल रही है। जिससे कारोबार को धक्का लगा है।

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