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धान खरीद घोटाले का खुलासा करने वाले हैफेड इंस्पेक्टर व मैनेजर सस्पेंड

असंध की 2 राइस मिलों में 33 हजार क्विंटल कम निकला था धान, संचालकों पर एफआईआर की सिफारिश
करनाल की अनाज मंडी में धान की सफाई करता मजदूर। -हप्र
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असंध की श्री राधे-राधे और अग्रवाल एंड संस राइस मिलों में करीब 33 हजार क्विंटल धान कम मिलने का मामला उजागर करने वाले हैफेड इंस्पेक्टर अशोक मेहरा, मैनेजर सुरेंद्र कुमार को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है, जबकि श्री राधे-राधे और अग्रवाल एंड संस राइस मिलों के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। मामले की पुष्टि हैफेड डीएम कृपाल सिंंह ने की है। इसी मामले में हैफेड डीएम रहे अमित कुमार को विभाग द्वारा पहले ही संस्पेंड किया जा चुका है।

हैरानी की बात ये कि जिन राइस मिलों को हैफेड द्वारा धान दिया गया, उन मिलों के कागजात भी पूरे नहीं हैं और न ही संबंधित अधिकारियों द्वारा कागजातों को पूरा कराने की जहमत उठाई गई, लेकिन मामले में फर्जीवाड़ा उजागर करने वाले 2 अधिकारियों को जिस प्रकार से सस्पेंड किया गया, उस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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मामले में असिस्टेंट पैडी, निसिंग मंडी के परचेजर, असंध मंडी के परचेजर की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है, जिस पर विभाग ने चुप्पी साध रखी है, क्योंकि मिलों को धान देने से पहले कागजातों को पूरा करवाने की जिम्मेदारी असिस्टेंट पैडी बिजेंद्र राठी की थी, जबकि बिना एग्रीमेंट के ट्रकों के गेट पास निसिंग मंडी के परचेजर दर्शन और असंध मंडी के परचेजर प्रमोद द्वारा काटे गए, जो नियमों के विरूद्ध थे। दोनों ही मंडियों के परचेजरों द्वारा बिना एग्रीमेंट ट्रकों के फर्जी गेट पास काट दिए गये। धान खरीद में फर्जीवाड़ा कई स्तरों पर हुआ, जो जांच का विषय है। मंडियों में फर्जी गेट पास काटकर कागजों में धान खरीदा गया और कागजों में ही मिलों में पहुंचाने का षड्यंत्र किया गया। अब डीसी की सख्त कार्रवाई के बाद मामले सामने आ रहे हैं।

2 नवंबर को हुई थी मिलों की फिजिकल वेरिफिकेशन

हैफेड के इंस्पेक्टर अशोक मेहरा, मैनेजर सुरेंद्र कुमार ने 2 नवंबर को डीएम हैफेड समेत अन्य कई अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचना दी थी कि हमारे पास धान का स्टॉक पूरा नहीं है। दोनों मिलों में करीब सवा 9 करोड़ का करीब 33 हजार क्विंटल धान कम है, लेकिन डीएम द्वारा मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। जिसके चलते डीएम अमित को सस्पेंड कर दिया गया। 2 नवंबर को श्री राधे राधे मिल असंध और अग्रवाल एंड संस मिलों में फिजिकल वेरिफिकेशन हुई थी। दोनों ही मिलों में करीब सवा 9 करोड़ रुपए का 33 हजार क्विंटल धान कम मिला। जांच में सामने आया कि नियमों को ताक पर रखकर इन मिलों को धान अलॉट की गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हैफेड विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा शुक्रवार को मामले में शामिल राइस मिलरों के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति दी जा चुकी है। बता दें कि डीएफएसी करनाल को इन दोनों राइस मिलों को धान अलॉट न करने को लेकर पहले ही शिकायत भेजी गई थी।

आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये प्रदर्शन करेगी भाकियू : रतनमान

भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि धान खरीद में घोटाला करने वालों में जिन अधिकारियों, इंस्पेक्टरों, राइस मिलरों के नाम सामने आए हैं, उन्हें जेल भेजा जाए और बाकियों को भी जल्द पकड़ा जाएगा। साथ ही सभी आरोपियों से रिकवरी करवाई जाए। उन्होंने कहा कि मंडियों में किसानों की फसलों को मिलीभगत करके लूटा गया है। भाकियू आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विरोध प्रदर्शन भी करेगा।

 

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