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गुरु शिष्य का कल्याण करता है, इसकी महिमा अनंत : साध्वी सरस्वती

जगाधरी, 7 अप्रैल (हप्र) जगाधरी के हनुमान गेट स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम में आयोजित सत्संग साध्वी सरस्वती भारती ने गुरु की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि निराकार शक्ति परमपिता परमात्मा कष्ट एवं पीड़ा से बिलखती जीवात्माओं...

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जगाधरी स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम में संगत को संबोधित करती साध्वी सरस्वती भारती। -हप्र
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जगाधरी, 7 अप्रैल (हप्र)

जगाधरी के हनुमान गेट स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम में आयोजित सत्संग साध्वी सरस्वती भारती ने गुरु की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि निराकार शक्ति परमपिता परमात्मा कष्ट एवं पीड़ा से बिलखती जीवात्माओं की पुकार सुनकर साकार रूप में धरा पर आता है। उसका स्वभाव एक माता की तरह करुणा एवं वात्सल्य से भरपूर होता है। उन्होंने कहा कि निराकार शक्ति की पूजा करना बहुत सरल है, क्योंकि इस स्वरूप परमात्मा से हमारे अहंकार और मन के विकारों को कोई क्षति नहीं पहुंचती। साध्वी ने कहा कि गुरु को ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश की संज्ञा दी जाती है, क्योंकि वे अपनी शरण में आने वाले शिष्य का आध्यात्मिक निर्माण करके उसके भीतर देवत्व के गुणों का संचार कर देते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु की महिमा को शब्दों में न तो बोला जा सकता है और न ही लिखा जा सकता है, क्योंकि गुरु की महिमा अनन्त है। गुरु अपने शिष्य के जीवन में पिता की तरह सदैव उसका संरक्षण करते हैं, माता बन कर करुणा एवं वात्सल्य लुटाते हैं और सखा बनकर हम पर आने वाली परिस्थितियों के साथ भी लड़ते हैं। साध्वी ने कहा कि गुरु वो शक्ति है, जो शिष्य को परीक्षा की अग्नि में डालते हैं, लेकिन जलने नहीं देती। गुरु ही अपने तपोबल के द्वारा एक साधक के लिए भक्ति मार्ग सुदृढ़ करता है।

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