करनाल (हप्र) : पूर्व विधायक सुमिता सिंह ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता में श्री कृष्ण कहते हैं केवल डरपोक और कमजोर लोग ही चीजों को भाग्य पर छोड़ते हैं। जो मजबूत और खुद पर भरोसा करने वाले होते हैं, वह कभी भी नियति या भाग्य पर निर्भर नहीं रहते गीता के अनुसार सिर्फ दिखावे के लिए अच्छा मत बना वह परमात्मा आपको बाहर से नहीं बल्कि भीतर से भी जानता है। पूर्व विधायक सुमिता सिंह ब्रह्म नगर हांसी रोड में श्री दुर्गा मंदिर द्वारा श्री कृष्ण जी की छठी के उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर लोगों को संबोधित कर रह थीं। इस मौके पर मंदिर में माथा टेका और भगवान का आशीर्वाद लिया। सुमिता सिंह ने सभी को श्री कृष्ण जी की छठी के उत्सव की बधाई देते हुए कहा कि अगर प्रेम और भक्ति जीवन में है तो भगवान अमीरी और गरीबी नहीं देखते उसे अपने हृदय से लगा लेते हैं। इस मौके पर दीपक अत्री, आजाद, मोहनश्याम शास्त्री, सावित्री,शिवशंकर, भारती, कमलेश, सन्तोष तेज़ान, नीलम मल्होत्रा, नहरिका, कैलशो, सुनिता, मीरा, शिवम, निशांत, जितेंद्र कुमार, आदि मौजूद रहे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।