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भूमि पूजन एवं खूंटा गाढ़ परम्परा के साथ गीता जयंती महोत्सव का आगाज

कुरुक्षेत्र के श्री जयराम विद्यापीठ में ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन पिछले करीब चार दशकों से चली आ रही परम्परा अनुसार कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तट पर श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव-2025 के लिए मंगलवार को श्री शारदा पीठ शृंगेरी के...

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कुरुक्षेत्र स्थित विद्यापीठ में भूमि पूजन के उपरांत खूंटा गाढ़ परम्परा के अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज व अन्य संत। -हप्र
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कुरुक्षेत्र के श्री जयराम विद्यापीठ में ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन

पिछले करीब चार दशकों से चली आ रही परम्परा अनुसार कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तट पर श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव-2025 के लिए मंगलवार को श्री शारदा पीठ शृंगेरी के अनंत श्री विभूषित जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज के सान्निध्य में आस्था व विश्वास का खूंटा गाढ़ने की विधिवत परम्परा सम्पन्न हुई।

खूंटा गाढ़ने की परम्परा से पूर्व जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज ने श्री जयराम विद्यापीठ में स्थित श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर पूजा-अर्चना कर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, स्थानीय विधायक अशोक अरोड़ा एवं विद्यापीठ के ट्रस्टियों ने शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज का विद्यापीठ में पहुंचने पर मंत्रोच्चारण के बीच स्वागत किया।

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इस अवसर पर महंत श्री बंसी पुरी, महंत महेश मुनि, महंत लक्ष्मी नारायण पुरी, मुख्य सुचना आयुक्त टीवीएसएन प्रसाद,स्वामी सम्पूर्णानंद महाराज, विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा एवं ट्रस्टी भी मौजूद रहे। ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज के विद्यापीठ में गीता जयंती शुभारम्भ के लिए भूमि पूजन एवं खूंटा गाढ़ परम्परा अवसर पर पहुंचने के लिए स्वागत किया।

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उन्होंने बताया कि मंगलवार को जहां गीता जयंती 2025 के शुभारम्भ अवसर पर जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज का आगमन हुआ है। इससे पहले 1994 में विद्यापीठ में इनके गुरु जगद गुरु भारती तीर्थ महाराज का आगमन हुआ था।

इस अवसर पर जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज ने अपने शुभ आशीर्वाद के साथ कहा कि कुरुक्षेत्र जैसी धरती पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से पूरे विश्व को गीता का संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि पूरे संसार को श्रेष्ठ मार्ग दिखाने वाला ग्रंथ गीता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। गीता को प्रतिदिन पढ़ना चाहिए। गीता अनुसरण कर ही मानव श्रेष्ठ बन सकता है। महंत श्री बंसीपुरी ने भी जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज का आभार व्यक्त किया।

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