खाद्य आपूर्ति विभाग के 4 इंस्पेक्टरों, राइस मिलर्स पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
करनाल, घरौंडा, जुंडला, निसिंग की मंडियों में फर्जी गेट पास के जरिए धान खरीद में फर्जीवाड़ा करने वालों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, वहीं गिरफ्तारी से बचने के लिए खादय आपूर्ति विभाग के आरोपित घरौंडा...
करनाल, घरौंडा, जुंडला, निसिंग की मंडियों में फर्जी गेट पास के जरिए धान खरीद में फर्जीवाड़ा करने वालों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, वहीं गिरफ्तारी से बचने के लिए खादय आपूर्ति विभाग के आरोपित घरौंडा अनाजमंडी के निरीक्षक यशवीर सिंह, अनाज मंडी जुंडला के निरीक्षक संदीप शर्मा, अनाज मंडी करनाल के निरीक्षक समीर वशिष्ठ तथा अनाज मंडी निसिंग के निरीक्षक लोकेश समेत बटान फूड्स सलारू करनाल के संचालक सतीश कुमार भूमिगत हो गए है। पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है। एसपी गंगा राम पूनिया ने बताया कि सरकारी धान गबन मामले में जिनकी भी भूमिका पाई गई है, उनकी गिरफ्तारी के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। मामले में जो भी शामिल होगा, उसे गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस जहां दावा कर रही है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है, वहीं पुलिस की जांच पर सवाल भी उठ रहे है। पुलिस आरोपियों को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई, क्या आरोपियों को बचने के लिए समय दिया जा रहा है? जिससे आरोपित जांच को प्रभावित कर सकें या फिर अग्रिम जमानत पा सकें? जिससे आरोपियों में पुलिस गिरफ्तारी का भय ही न रहें। करनाल मंडी सचिव रही आशा रानी ओर ऑक्शन रिकार्डर यशपाल द्वारा माननीय कोर्ट का दरवाजा खटकाकर गिरफ्तारी पर स्टे हासिल कर चुके है। पुलिस कुछ नहीं कर पाई, अगर समय रहते पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार कर जांच का दायरा बढ़ाती तो केस जल्द ही पूरी तरह से सुलझाया जा सकता था। वहीं बटान फुडस मामले में आरोपित चारों इंसपेक्टर ओर राइस मिलर्स अभी तक गिरफ्तारी से बचे हुए है, जिस पर सवाल खड़े हो रहे है। बटान फूडस, सलारू रोड करनाल को विभाग द्वारा ई-खरीद पोर्टल अनुसार 25 अक्तूबर तक 25129.87 क्विंटल धान आंवटित किया गया था। जिसकी मिल द्वारा कोई भी मिलिंग नहीं की गई थी, परंतु बटान फूड, सलारु रोड करनाल में 12500.18 क्विंटल पी.आर. धान पाया गया है। भौतिक जांच के दौरान 12659.62 क्विटल धान गायब मिला। जो कि वितित्य अनियमितता तथा सरकारी धन का दुरुपयोग का मामला है। फर्जी धान खरीद का मामला उजागर होने के बाद डीएफएससी अनिल द्वारा सदर थाना में राइस मिलर्स सहित 4 इंसपेक्टरों के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया।
वर्जन
खादय आपूर्ति विभाग के जिन चार इंसपेक्टरों के खिलाफ केस दर्ज है, उन्हें विभाग द्वारा सस्पेंड भी किया जा चुका है। जिन मिलों को इंसपेक्टरों द्वारा धान दिया गया था, मिलों का काम दूसरे इंसपेक्टरों को दिया जा चुका है।
अनिल, डीएफएससी, करनाल
बचाव का मौका दे रही पुलिस: जगमाल जटैन
वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल जटैन ने बताया कि फर्जी धान खरीद मामले में जिन इंसपेक्टरों, राइस मिलर्स के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया हुआ है, उनके गिरफ्तार न कर आरोपितों को बचाव का मौका देना है। जिससे जांच प्रभावित हो सकें। पुलिस द्वारा आरोपियों को बचाव का मौका न देकर तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए ताकि मामले की तह तक जाया जा सकें।

