‘बदल जाए अगर माली, चमन होता नहीं खाली’
मुकेश यादगार समिति ने एक पैलेस में परिवार मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया, संस्था के सदस्यों ने 4 गायको लता मंगेश्कर, माेहम्मद रफी, किशोर कुमार व मुकेश के गीतों को छोड़कर अन्य गायकों के गीत गाये। मंच संचालन डॉ सुमन भार्गव द्वारा किया गया। सबसे पहले धर्मेंद्र की याद में दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। सरंक्षण डॉ़ एसके सिंगला ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संजय चौधरी व सुदर्शन सिंगला ने समिति में जुड़े नए सदस्यों सी ऐ अरुण बंसल, प्रमोद गोयल व नविन्दु सिंगला का सभी से परिचय करवाया। प्रेस प्रवक्ता गौतम गर्ग ने बताया कि गीतों की श्रृंखला में सुदर्शन सिंगला ने ‘आप से हम को बिछड़े हुए’, प्रणीता मधोक ने ‘आवाज दे कहां है’, डॉ एसके सिंगला ने ‘बदल जाए अगर माली, चमन होता नहीं खाली’ गाया। इसके अलावा गौतम गर्ग ने ‘चांदी जैसा रंग है तेरा, रमेश वर्मा ने ‘ए जाने चमन तेरा गोरा बदन’, संजय चौधरी ने-है अपना दिल तो आवारा, सचिन शर्मा ने-आजकल याद कुछ और रहता नही, विक्रम गोयल ने-हम को सिर्फ तुमसे प्यार है, प्रमोद सिंगला ने-तुझे सूरज कहूं या चंदा, अनुरोध गिरि ने-और इस दिल मे क्या रखा है, डॉ भार्गव- ने जब चली ठंडी हवा, बलजीत जांगडा ने-चिट्ठी आई है, नरेश अरोड़ा ने-जादू तेरी नजर खुशवू तेरा बदन, लवली ने-सुरमई आंखों में, सुमित शर्मा ने- हुजूर इस कदर भी, नैनिका ने-मोह मोह के धागे, डॉ शोभा व महेंद्र जांगड़ा ने-तुमसे बना मेरा जीवन, डॉ़ भूप सिंह ने-होठों से छू लो तुम गीत गाये। इस अवसर पर सतबीर शर्मा, अमरजीत मधोक, सुनीता नारंग, पुनीत जैन, मांगे राम, व संस्था के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
