Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

पहली से आठवीं कक्षाओं में नामांकन बढ़ा, 9वीं से 12वीं में कमी

जितेंद्र अग्रवाल/हप्र अम्बाला शहर, 7 मई जिला के नागरिकों का सरकारी स्कूलों में दी जा रही मौलिक शिक्षा की व्यवस्था पर विश्वास जमने लगा है, जिसके चलते जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक सभी मौलिक कक्षाओं...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

जितेंद्र अग्रवाल/हप्र

अम्बाला शहर, 7 मई

Advertisement

जिला के नागरिकों का सरकारी स्कूलों में दी जा रही मौलिक शिक्षा की व्यवस्था पर विश्वास जमने लगा है, जिसके चलते जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक सभी मौलिक कक्षाओं में पिछले वर्ष की तुलना में नामांकन बढ़ गया है। यही नहीं पिछले वर्ष कक्षा 8 में पढ़ने वाले सभी 7511 बच्चों दाखिला भी नौवीं कक्षा में हो गया है, लेकिन उच्च कक्षाओं में नामांकन की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

Advertisement

जिले में 8 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को मॉडल संस्कृति स्कूलों और 12 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को पीएमश्री स्कूलों का दर्जा देने 9-12 कक्षाओं के बच्चों को डिजिटल शिक्षा देने के लिए फ्री टैबलेट उपलब्ध करवाने तथा बुनियाद और सुपर 100 जैसे कार्यक्रमों की मौजूदगी के बावजूद कक्षा 10 और 12 में बच्चों की नामांकन संख्या में भारी कमी हो गई है।

दरअसल मौलिक शिक्षा बारे विश्वास कोई अचानक ही नहीं बढ़ गया बल्कि डीईईओ सुधीर कालड़ा के दिशानिर्देश एवं मार्गदर्शन में लगातार की जा रही सुधारात्मक गतिविधियो को जाता है, जिसमें उनके सभी अध्यापाकों आदि ने भी अपना पूर्ण समर्पित करने का काम किया। साथ ही जिला अंबाला में निपुण हरियाणा मिशन कार्यक्रम को प्रभावशाली ढंग से लागू करने, गैर मान्यताप्राप्त स्कूलों पर शिकंजा कसने, सरकारी स्कूलों में न्यूट्रिशन गार्डन स्थापित कर ताजी सब्जियों से बना स्वादिष्ट और पौष्टिक मिड डे मील प्रदान करने, 42 जीरो टीचर प्राइमरी स्कूलों में स्थानीय स्तर पर अध्यापकों का समायोजन कर सभी स्कूलों में टीचर उपलब्ध कराने और 200 एकल शिक्षक प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों को बहु कक्षा शिक्षण का प्रशिक्षण देकर बच्चों के लिए बढ़िया शिक्षा मुहैया कराने से लोगों ने राजकीय स्कूलों पर विश्वास जताने का काम किया है।

परिणामस्वरूप एक ओर जहां पहली से आठवीं कक्षा तक की कक्षाओं में गत वर्ष से अधिक नामांकन होने का रिकार्ड दर्ज किया गया। आठवीं कक्षा को पाास करने वाले सभी बच्चों से अधिक बच्चों ने नवम कक्षा में नामांकन करवाया। वहीं पिछले वर्ष कक्षा 9 में पढऩे वाले 7562 बच्चों में से केवल 6509 बच्चों ने ही दसवीं कक्षा में दाखिला लिया है। इसी तरह पिछले वर्ष में कक्षा 11वीं में पढऩे वाले 7301 बच्चों में से केवल 6843 बच्चों ने ही 12वीं कक्षा में दाखिला लिया है। जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार की माने तो 11वीं कक्षा में अभी केवल प्रोविजनल दाखिले किए जा रहे हैं। इस कक्षा में नामांकन की वास्तविक छात्र संख्या दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम की घोषणा के बाद ही पता लग पाएगी।

वैसे खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से जिला भर में एक विशेष अभियसन चलाकर उन बच्चों से संपर्क किया जा रहा है, जिन्होंने इस वर्ष नामांकन नहीं करवाया है। इसके चलते रोजाना सैकड़ों छात्रों का नामंकन राजकीय विद्यालयों में हो रहा है।

उन्होंने विश्वास जताया कि शिक्षा विभाग जिला में न केवल अपना नामांकन लक्ष्य प्राप्त करेगा बल्कि गत वर्ष से ज्यादा बच्चों का दाखिला राजकीय स्कूलों में हो सकेगा।

निपुण हरियाणा कार्यक्रम को लागू करने का लाभ मिला : डीईईओ

डीईईओ सुधीर कालड़ा के अनुसार विभाग द्वारा मौलिक कक्षाओं में दाखिले के निर्धारित लक्ष्य को जिला टीम ने खरा उतरने का हरसंभव प्रयास किया है। छात्र संख्या बढ़ने के कई कारण हैं, जिनमें निपुण हरियाणा मिशन कार्यक्रम को जिले के स्कूलों में प्रभावशाली ढंग से लागू करना, गैर मान्यताप्राप्त स्कूलों पर शिकंजा कसना, स्वादिष्ट व पौष्टिक मिड डे मील प्रदान करने की कोशिश करना सहित अध्यापकों का प्रशिक्षण आदि शामिल है। इन्हीं सबके कारण सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों की धारणा बदली और काफी बच्चे प्राइवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों की ओर आए।

Advertisement
×