विजय शर्मा/हप्र
करनाल, 10 मई
स्कूल में टीचर की मांग पर विद्यार्थियों ने ऐसी प्रदर्शनभरी हुंकार भरी कि अफसरों को बच्चों के पास जाना पड़ा। ‘स्कूल में टीचर दे न सके जो, वो सरकार निकम्मी है’ जैसे नारे लगाते हुए असंध हलके के गांव मंचूरी के बच्चे मंगलवार को सड़क पर आ गये और पैदल ही 40 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय की ओर चल दिए। भीषण गर्मी में पैदल सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए छात्र एवं छात्राएं जिला मुख्यालय की ओर बढ़े चले जा रहे थे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन दृश्यों को जब जिला अधिकारियों ने देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बच्चों को रोकने के लिए शिक्षा विभाग का अमला असंध की ओर भागा और करनाल से करीब 20 किलोमीटर दूर प्रदर्शनकारी स्कूली बच्चों को रोक लिया गया। गर्मी इस कदर थी कि अधिकारी खड़े होने के लिए पेड़ की छांव तलाशते रहे और बच्चे भीषण गर्मी में सड़क पर खड़े रहकर अपनी परेशानियां बताते रहे। बच्चों के साथ चल रहे उनके अभिभावकों से अधिकारियों ने गुहार लगाई कि प्रदर्शन बंद करें, प्रशासन उनकी समस्या का समाधान कर रहा है। लेकिन अभिभावक अड़ गये। उन्होंने कहा कि तीन साल से आश्वासन मिला, टीचर नहीं।
इस संबंध में ग्रामीण राजबीर कश्यप ने बताया कि मंचूरी के स्कूल में एक ही टीचर है। बच्चों की पढ़ाई के लिए कमरे भी पर्याप्त नही हैं। शौचालय के लिए बच्चे स्कूल के कमरे की दीवार के पीछे खुले में जाते हैं। न बिजली है, न पानी है। कागजों में स्कूल तीन साल पहले अपग्रेड हो चुका है। अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
इस तरह सुलटा मामला
अधिकारियों की मनुहार के बाद ग्रामीणों ने कहा कि उनकी एक समिति अभी उपायुक्त से मिलना चाहती है। तब तक बच्चे रास्ते में ही रुके रहेंगे। इसके बाद 11 सदस्यीय दल डीसी से मिलने करनाल रवाना हो गया। इस दौरान शिक्षा विभाग के जिला एलीमेंटरी एजूकेशन आफिसर रोहताश वर्मा ने बताया कि स्कूल के लिए दो अन्य शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश दे दिये गये हैं। यह पूछे जाने पर कि पहले व्यवस्था क्यों नही की गई तो उन्होंने कहा कि सब कुछ सरकार की ट्रांसफर नीति के तहत चलता है।
लोगों ने की पानी की व्यवस्था : स्टेट हाईवे पर छोटे-छोटे बच्चों को देखकर राहगीरों ने भी सरकार को खूब कोसा। पसीने में लथपथ बच्चों की हालत देखकर यहां आसपास रहने वाले लोगों का दिल पसीज गया। उन्होंने बच्चों के लिए शीतल जल की व्यवस्था की।