करनाल, 19 जनवरी (हप्र)
भीषण सर्दी और बरसात के बीच हड़ताली आगनवाड़ी वर्करों ने 43वें दिन भी रोष प्रदर्शन करते हुए सरकार पर वर्करों का दमन करने का आरोप लगाया। उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए उन्होंने आज मुख्यमत्री के नाम नायब तहसीलदार करनाल को ज्ञापन सौंपा और मुख्यमत्री से बातचीत का समय दिलवाने की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार अड़ियल रवैया छोड़कर 2018 में विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा की ग्ई घोषणा को तुरन्त प्रभाव से लागू करे। संगठन नेताओं ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के तुगलगी फरमान की परवाह न करते हुए आगनवाड़ी वर्करों हैल्परों ने प्ले वे स्कूल के नाम पर दी जाने वाली ट्रेनिंग का बहिष्कार कर दिया है।
आज के प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला उप प्रधान सरोज ने की। इस दौरान सीटू के जिला प्रधान सतपाल सैनी ने कहा कि राज्य सरकार वर्कर्स और हेल्पर्स की समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है। एक तरफ सरकार ने कोरोना के चलते स्कूलों और आंगनवाड़ी केन्द्रों को बंद करने का आदेश दे रखा है। स्कूल स्टाफ को भी आधी संख्या में बुलाया जा रहा है। दूसरी ओर प्ले वे स्कूलों की ट्रेनिंग करना और कुछ नहीं बल्कि राज्य में जारी आंगनवाड़ी कर्मियों की हड़ताल को कमजोर करने की साजिश है। इस साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
यूनियन नेताओं ने कहा कि जब आंगनवाड़ी केन्द्र और स्कूल बंद हैं, ऐसे समय में प्ले स्कूलों में 50-60 के ग्रुप को बुलाना सवाल खड़े करता है। सरकार हड़ताल खत्म करवाने हेतु इस प्रकार के कदम उठा रही है। इस साजिश को प्रदेश की आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स सफल नहीं होने देंगी। धरने को सीटू जिला प्रधान सतपाल सैनी, सुदेश राणा, पूनम गगसीना, सविता, मास्टर बलराजसिंह, बबीता, ममता, कुसुम ने सम्बोधित किया।