धान घोटाले की हाईकोर्ट के जज से जांच की मांग
धान घोटाले की हाईकोर्ट के सीटिंग जज से जांच करवाने और दोषी अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर जेल भेजने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने शुक्रवार को काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया। जानकारी के अनुसार, बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे जाट धर्मशाला से काले कपड़े और काले बिल्ले लगाकर हजारों किसान पैदल मार्च करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। वहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी कि अगर धान घोटाले की पारदर्शी जांच नहीं हुई तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन और सरकार पर काली जांच के नाम पर सच्चाई दबाने का आरोप लगाया। भाकियू अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि यह संघर्ष सिर्फ एक जांच तक सीमित नहीं रहेगा यह किसानों की इज्जत, मेहनत और अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इस आंदोलन में एकजुट होकर हिस्सा लें और सरकार को दिखा दें कि किसान अब चुप नहीं बैठेगा। भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने आरोप लगाते हुए बताया कि सरकार ने वर्ष 2025 में धान खरीद के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा था लेकिन फर्जीवाड़े के कारण अब तक यह राशि 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुकी है और खरीद अभी जारी है। इसका सीधा अर्थ है कि 4 से 5 हजार करोड़ रुपये के फर्जी गेट पास काटे गए हैं और सरकार को अरबों रुपये का चूना लगाया गया है। धान घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए। आईएएस डी. सुरेश सहित जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की जाए। किसानों को दिए गए एमएसपी से कम भुगतान का अंतर तुरंत चुकाया जाए। भ्रष्टाचार में लिप्त मिलर्स और मंडी अधिकारियों की लाइसेंस रद्द किए जाएं। छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाना बंद किया जाए और मुख्य दोषियों को सजा दी जाए।
