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दिव्यांगता को बौना दिखाकर हरियाणा व्हीलचेयर क्रिकेट टीम की संभाली कमान

क्रिकेटर वेदपाल धीमान के हौसले की दास्तां

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वेदपाल धीमान
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अन्जनथली निवासी 39 वर्षीय वेदपाल धीमान ने कभी अपनी दिव्यांगता को अपने जोश और जुनून पर हावी नहीं होने दिया। दिव्यांगता को दरकिनार कर लम्बे संघर्ष के बल पर वेदपाल धीमान पांच वर्ष से हरियाणा व्हीलचेयर क्रिकेट टीम में आलराऊंडर के रूप में खेलते हुए अब टीम की कमान संभाली है और वे वर्तमान में टीम के कप्तान हैं। वर्ष 2022 में 16 टीमों के बीच उदयपुर, मध्यप्रदेश में हुए तीसरे राष्ट्रीय व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट में ‘मैन ऑफ दी मैच’ रह चुके वेदपाल ने जज्बे और मेहनत के दम पर यह साबित कर दिया कि हौसला और लगन हो तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर वेदपाल अपने पिता फूलकुमार, धर्मपत्नी प्रभाती और 19 वर्षीय बेटी दित्या धीमान के साथ गांव अन्जनथली में रहते हैं तथा नीलोखेड़ी में रेलवे रोड पर सीएससी चलाते हैं। स्वस्थ जन्म लेने के बावजूद मात्र एक साल की आयु में वेदपाल पोलियो का शिकार हो गए। नतजीतन वेदपाल धीमान ने अपनी दोनों टांगें खो दीं। उनकी मां सरोज देवी एक गृहिणी थीं और 2006 में मां का निधन होने पर वेदपाल ने काफी उतार चढ़ाव के बाद भी हार नहीं मानी। वेदपाल ने बताया कि सरकार द्वारा दी जाने वाली साधारण व्हीलचेयर पर क्रिकेट का अभ्यास करना बड़ा मुश्किल था। जिसके चलते पूर्व विधायक धर्मपाल गोन्दर ने 2023 में टीम को 15 स्पोर्ट्स व्हीलचेयर उपलब्ध करवाकर उनके सपनों को पंख लगाने का काम किया। बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन वेदपाल ने बताया कि वर्ष 2018 में सोनीपत के एक दिव्यंाग क्रिकेटर से व्हीलचेयर क्रिकेट के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद अपने दो साथियों जोगिन्द्र और प्रेम शर्मा के साथ सोनीपत में क्रिकेट का अभ्यास करने के लिए स्पेशल जाते रहे। सोनीपत की दूरी के चलते जनवरी 2019 में नीलोखेड़ी में ही अभ्यास शुरु कर दिया। इस दौरान क्षेत्र के अन्य दिव्यांगों को भी क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित करते रहे।

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