दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 2 अगस्त
हरियाणा की तहसीलों में जमीन की रजिस्ट्री में जो गड़बड़ हुई, इसमें सबसे बड़ा ग्राउंड बना अर्बन एरिया एक्ट-1975 का नियम-7ए। खट्टर सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में अप्रैल-2017 में इस एक्ट में संशोधन किया था। राज्य में बिना एनओसी या नियमों का उल्लंघन कर जितनी भी रजिस्ट्री हुई हैं, उन सभी का आधार नियम-7ए ही रहा। फिलहाल रजिस्टि्रयों पर रोक है, लेकिन अब जब जमीन का पंजीकरण खुलेगा तो जिलों के डीसी भी खुद को बचा नहीं सकेंगे।
राजस्व विभाग नियमों में प्रावधान करेगा, जिससे डीसी की जवाबदेही काफी बढ़ जाएगी। शहरों 7-ए के तहत आने वाली जमीन की लिमिट और कृषि श्रेणी रजिस्ट्री के सीधे तौर पर डीसी ही जिम्मेदार होंगे। इतना ही नहीं, रजिस्ट्री डीसी की मंजूरी से तो होगी ही, साथ ही उस पर उसके साइन भी होंगे। यानी अब डीसी को जांच करवाकर परमिशन देनी होगी। नियम में ‘ऑन अप्रूवल डिप्टी कमिश्नर’ शब्द जोड़ने की तैयारी है।
सूत्रों का कहना है कि नियमों में यह भी प्रावधान होगा कि रजिस्ट्री से पहले प्रॉपर्टी टैक्स व हाउस टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य होगा। जिस जमीन की रजिस्ट्री होनी होगी, अगर उसका प्रॉपर्टी या हाउस टैक्स का भुगतान नहीं हुआ होगा तो डीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी की जांच में पकड़ में आ जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग अर्बन एरिया से लगती खेती की जमीन को भविष्य की प्लानिंग के लिए रोक कर उसे 7-ए अधिसूचित एरिया घोषित करता है। सरकार ने 3 अप्रैल, 2017 को हरियाणा डेवलपमेंट एंड अर्बन रेगुलेशन एक्ट-1975 की धारा 7-ए में संशोधन किया। इसमें खाली जमीन की जगह एग्रीकल्चर और एक हेक्टेयर की जगह लिमिट 2 कनाल कर दिया। यानी 2 कनाल से ज्यादा की रजिस्ट्री के लिए एनओसी जरूरी नहीं रही। माना जा रहा है कि इसकी का फायदा प्रॉपर्टी डीलर व अधिकारियों ने उठाया। अब 7ए में फिर नये सिरे से बदलाव होगा। इसमें एग्रीकल्चर शब्द को हटाया जा सकता है।
किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जाएगा। गुरुग्राम में एक तहसीलदार और 6 नायब तहसीलदारों के खिलाफ जांच रिपोर्ट आते ही उन्हें सस्पेंड किया गया। गठबंधन सरकार पूरी पारदर्शिता से काम कर रही है। जमीन की रजिस्ट्री के मामले में जिलों के डीसी की जिम्मेदारी तय करेंगे। इसके लिए कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। मानसून सत्र में भी कई अहम बिल पेश होंगे।
-दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री
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