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शहीदी दिवस को समर्पित साइकिल यात्रा का समालखा में स्वागत

हिन्द की चादर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित 'सीस दिया पर सिररू न दिया' का संदेश देते हुए दिल्ली से चली साइकिल यात्रा देर शाम समालखा पहुंची, जहां समालखा की गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान...
समालखा में साइकिल यात्रा का स्वागत करते माडल टाउन गुरुद्वारा साहिब की कमेटी के पदाधिकारी। -निस
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हिन्द की चादर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित 'सीस दिया पर सिररू न दिया' का संदेश देते हुए दिल्ली से चली साइकिल यात्रा देर शाम समालखा पहुंची, जहां समालखा की गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जगतार सिंह बिल्ला व सरदार गोपाल सिंह की अगुवाई में संगत ने साइकिल यात्रियों का फूल मालाओं से स्वागत किया। दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह के नेतृत्व में 14 नवंबर को दिल्ली से रवाना हुई यात्रा 500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए पंजाब के अमृतसर साहिब पर संपन्न होगी। साइकिल यात्रा में भागीदारी कर रहे दिव्यांग सिख युवक की बैट्री चलित साइकिल आकर्षण बनी हुई है।

यात्रा का संचालन कर रहे मनजीत सिंह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब ने धर्म की रक्षा करते हुए बलिदान दिया था, इसलिए उन्हें हिन्द की चादर कहा जाता है। समालखा माडल टाउन स्थित गुरुद्वारा साहिब की कमेटी के प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने कहा कि 1675 ई. में गुरु तेग बहादुर साहिब और उनके प्रिय सिखों जिसमें भाई मती दास, भाई सती दास और भाई दयाला को धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के अपराध में तत्कालीन मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर शहीद किया गया था। इस मौके पर जीटी रोड स्थित गुरुद्वारा के प्रधान गोपाल सिंह ने साइकिल यात्रियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें शुभकामनाए दीं। सरदार कुलवंत सिंह, कुलदीप सिंह, हीरा सिंह, दर्शन सिंह, अमरजीत सिंह, अमित राठी, शैंकी सिंह, जगधीर सिंह, गुरजीत सिंह ने साइकिल यात्रा का स्वागत किया।

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