कुरुक्षेत्र/पानीपत (हप्र) : शिक्षा विभाग के फील्ड में कार्यरत क्लर्काें के लिए आॅनलाइन स्थानांतरण नीति में मिडिल स्कूलों की पोस्टों को ब्लाॅक न करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को कुरुक्षेत्र जिले के कर्मचारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर एकत्रित होकर रोष सभा का की और उन्हें शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें मिडिल स्कूलों की कैप्ट की गई क्लर्कों की पोस्टों को खोलने व कर्मचारियों को स्टेशन चुनने का मौका देने की मांग की गई है। इस मौके पर हेमसा के जिला सचिव विजय कुमार, उपाध्यक्ष अन्नू चौधरी, सुमित्रा, प्रदीप, रमेश, विनोद, परविन्द्र सिंह मौजूद रहे। उधर, पानीपत में क्लर्कों ने आनलाइन ट्रांसफर नीति में मिडिल स्कूलों से लिपिक के पद कैप्ट किये जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।