चंडीगढ़, 11 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस टीसी गुप्ता की अध्यक्षता वाली स्पेशल इंक्वायरी टीम (एसईटी) द्वारा शराब घोटाले के संबंध में दी गई रिपोर्ट अब मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा के पास पहुंच गई है। मुख्य सचिव के पास स्टेट विजिलेंस ब्यूरो का भी जिम्मा है। ऐसे में उन्हें इस रिपोर्ट की स्टडी करने को कहा गया है। अरोड़ा रिपोर्ट का बारीकी से अध्ययन करके सीएम मनोहर लाल खट्टर को इसका ब्योरा देंगी। इसके बाद सरकार इस रिपोर्ट पर अगली कार्रवाई करेगी।
30 जुलाई की देर रात एसईटी ने गृह सचिव विजय वर्धन को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद 31 जुलाई को सुबह गृह मंत्री अनिल विज के पास रिपोर्ट आई। विज ने रिपोर्ट पर सरसरी नजर डालने के बाद इसे वापस गृह सचिव के पास भेज दिया। गृह सचिव को कहा गया कि वे अहम बिंदुओं के बारे में पांच दिन में जवाब दें। विजय वर्धन द्वारा ब्रीफिंग दिए जाने के बाद विज ने सोनीपत की तत्कालीन एसपी व यूटी कैडर की आईपीएस अधिकारी प्रतीक्षा गोदारा के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की।
प्रतीक्षा गोदारा पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने सोनीपत में एसपी रहते हुए शराब तस्कर व खरखौदा शराब घोटाले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह को गनमैन दिए। इतना ही नहीं, भूपेंद्र सिंह पर पांच केस दर्ज होने के बाद भी उसे हथियार के लिए लाइसेंस जारी किया। इसी तरह से एसईटी की रिपोर्ट के आधार पर विज ने आईएएस अधिकारी और आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को सिफारिश की।
विज ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से करवाने की अनुशंसा भी की है। विज की इन दोनों सिफारिशों पर किसी तरह की कार्रवाई से पहले सीएम ने पूरी रिपोर्ट मुख्य सचिव को भेज दी है। वहीं दूसरी ओर, डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला एसईटी की रिपोर्ट पर गंभीर सवाल खड़े कर चुके हैं। शेखर विद्यार्थी के खिलाफ की गई टिप्पणी को उन्होंने पूरी तरह से अपने ऊपर लेते हुए विद्यार्थी को ‘क्लीन-चिट’ दी है।
तुरंत प्रशासनिक मंजूरी दे, टेंडर जारी करें
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं की व्यवहार्यता संबंधी जानकारी तुरंत दें। ऐसी घोषणाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही निविदाएं आमंत्रित की जाएं और इसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाए। मुख्यमंत्री मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री की घोषणाओं से संबंधित लंबित मामलों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि घोषणा के बाद जब योजनाओं का कार्य आरम्भ हो जाता है, तो प्रशासनिक सचिव फील्ड में जाकर कार्य प्रगति की समीक्षा करें और इस बारे स्थानीय जन प्रतिनिधियों को भी सूचित किया जाए। केंद्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग तथा रेलवे से संबंधित परियोजनाओं को इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजनाओं में शामिल किया है। इसलिए नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत इनके लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने कहा कि 2014-20 के बीच कुल 8111 मुख्यमंत्री की ओर से घोषणाएं हुई थी। इनमें से 4398 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं, 2388 पर कार्य जारी है, 315 घोषणाएं व्यवहार्य नहीं थीं, तथा 1032 घोषणाएं लम्बित हैं।
मुख्य अंश
”एसईटी की रिपोर्ट पर मुख्य सचिव अध्ययन कर रही हैं। रिपोर्ट पर जल्द कार्रवाई होगी। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ही एसईटी बनाई गई थी। ”
-मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री हरियाणा