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नूंह में कैंसर का कहर: स्वास्थ्य विभाग हरकत में, नौ गांवों में सर्वे के आदेश

नूंह जिले के पुन्हाना खंड के फलेंडी गांव में कैंसर के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। पिछले एक साल में गांव में करीब 25 से 30 लोगों की मौत कैंसर से हो चुकी है। कई...
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नूंह जिले के पुन्हाना खंड के फलेंडी गांव में कैंसर के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। पिछले एक साल में गांव में करीब 25 से 30 लोगों की मौत कैंसर से हो चुकी है। कई मरीज गुरुग्राम, दिल्ली और जयपुर के अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। करीब आठ हजार की आबादी वाले इस गांव में लगातार बढ़ते मामलों के बाद अब प्रशासन सक्रिय हो गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में हैंडपंप और नलों से निकलने वाला पानी दूषित है और यही बीमारी का मुख्य कारण हो सकता है। समाजसेवी इदरीश ने बताया कि ग्रामीण कई बार स्वास्थ्य विभाग को शिकायत दे चुके हैं। अब तक न तो कोई स्वास्थ्य शिविर लगाया गया और न ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालात गंभीर होने पर ग्रामीणों ने उपायुक्त (डीसी) से मुलाकात कर जांच की मांग की।

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नूंह में कैंसर -डीसी ने दिए जांच और सर्वे के आदेश

ग्रामीणों की शिकायत के बाद उपायुक्त ने जनस्वास्थ्य विभाग को गांव के पानी के सैंपल लेकर जांच कराने और स्वास्थ्य विभाग को कैंसर मरीजों का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद सिविल सर्जन नूंह ने संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को नौ गांवों में कैंसर मरीजों का सर्वे करने के आदेश जारी किए हैं।

नौ गांवों में चलेगा सर्वे अभियान

उप-सिविल सर्जन डॉ. सर्वजीत थापर के अनुसार, नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना उपमंडल के अंतर्गत आने वाले नौ गांवों—निजामपुर नूंह, मालब, आकेड़ा, फलेंडी, टपकन, झारोखड़ी (पुन्हाना), बिछौर, रीगड़ (फिरोजपुर झिरका) और सटकपुरी—में सर्वे अभियान चलाया जाएगा।

सर्वे के लिए संबंधित एसएमओ, आशा वर्कर, एमपीएचडब्ल्यू और सीएचओ की टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें घर-घर जाकर कैंसर मरीजों की जानकारी एकत्र करेंगी और सोमवार तक रिपोर्ट जिला स्वास्थ्य कार्यालय में जमा कराएंगी।

नूंह में कैंसर -ग्रामीणों की मांगें

प्रभावित गांवों के लोगों ने सरकार से मांग की है कि पानी और मिट्टी की वैज्ञानिक जांच कराई जाए, दूषित जलापूर्ति पर रोक लगे और कैंसर पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए। कई परिवारों के युवा सदस्यों की मौत से गांवों में मातम और डर का माहौल बना हुआ है।

फलेंडी और आसपास के गांवों में कैंसर के लगातार बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य तंत्र को सतर्क कर दिया है।

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