कमर्शियल अतिक्रमण के खिलाफ अभियान आज से
शहर में बढ़ते अतिक्रमण पर नगर परिषद ने सख्त रुख अपना लिया है और मुख्य बाजारों और दुकानों के आगे अतिक्रमण के विरुद्ध विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। नगर परिषद की मंगलवार को बैठक में जोरदार बहस के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता नगर परिषद चेयरमैन टीचर टेकचंद छाबड़ा ने की, जिसमें कार्यकारी अधिकारी सुरेंद्र कुमार सहित सभी पार्षद एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में पार्षदों के विचार सुनने के बाद यह तय किया गया कि रिहायशी इलाकों की बजाय पहले मुख्य बाजारों से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान की शुरुआत की जाएगी। निर्णय के अनुसार बुधवार से सिल्वर जुबली चौक से मलोट रोड तक अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। हालांकि, बैठक के दौरान पंजाब सीमा से सटे वार्ड नंबर 1 और 21 से पहले अभियान शुरू करने के प्रस्ताव पर कुछ पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। बैठक में पार्षदों ने अतिक्रमण हटाओ कमेटी गठित करने की मांग रखी, जिस पर प्रशासन ने अभियान को चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। चेयरमैन टेकचंद छाबड़ा ने कहा कि नगर परिषद शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और अभियान निष्पक्षता से चलाया जाएगा। ईओ सुरेंद्र कुमार ने कहा कि पहले चरण में केवल व्यावसायिक (कमर्शियल) अतिक्रमण हटाया जाएगा। दूसरे चरण में आवासीय क्षेत्रों में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शहरवासियों से अपील करते कहा कि अपने घरों के आगे बढ़े सेप्टिक टैंक या निर्माण स्वयं तोड़कर सड़क की समान स्तर पर कर लें, ताकि प्रशासनिक कार्रवाई की नौबत न आए। नगर परिषद की मीटिंग में स्वतंत्रता सेनानी स्व. सरदार गुरदेव सिंह शांत के बेटे ने बतौर शहर वासी बाज़ारों में दुकानों के बाहर लगाए जा रहे स्टैंडिंग फ्लेक्स बोर्डों पर प्रतिबंध की मांग उठाई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाजारों व गलियों में बड़ी संख्या में लगे ये बोर्ड अस्थायी अतिक्रमण का नया रूप बन चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध के बावजूद यदि कोई दुकानदार ऐसा बोर्ड लगाता है तो दुकानदार के साथ बोर्ड बनाने वाले प्रिंटर पर भी चालान या मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उनकी मांग को सभी पार्षदों, चेयरमैन टेक चंद छाबड़ा और ईओ सुरिंदर कुमार ने समर्थन दिया।
