चंडीगढ़, 6 अगस्त (ट्रिन्यू)
केंद्र सरकार के ‘ऑपरेशन वंदे मातरम’ के तहत विदेश से लौटने वालों को अब 7 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रखने की जरूरत नहीं है। विदेश से लौटे यात्री को 48 घंटे पहले का कोरोना नेगेटिव का मेडिकल प्रमाण-पत्र देना होगा। इसके बाद उसे 96 घंटों यानी 4 दिन के लिए होम क्वारंटाइन में रहना होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनलॉक-3 के लिए जारी की गई गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में कोविड-19 को लेकर गठित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के आपदा प्रबंधन ग्रुप की बैठक में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने यह बात कही। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक कोरोना टेस्टिंग लैब खोली जाए। जहां पर एंटीजन टेस्टिंग की बजाय आरटीपीसीआर प्रणाली से टेस्टिंग की सुविधा हो। चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम ने बताया कि वर्तमान में कोरोना टेस्टिंग लैब्स की संख्या प्रदेश में 16 है, जिनमें 11 सरकारी तथा पांच लैब प्राइवेट अस्पतालों में हैं तथा 10 और खोली जा रही हैं।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन मरीजों को कोरोना के बाद या पॉजिटिव के बाद ठीक होने के बाद दोबारा टेस्टिंग के लिए आना होता है तो उनको घर से लाने ले जाने के लिए मुफ्त एम्बुलेंस सुविधा प्रदान की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि अंतर्राज्जीय परिवहन सेवाओं के तहत वर्तमान में रोडवेज बसें राजस्थान व उत्तर प्रदेश में चलाई जा रही हैं। ये बसें 30 यात्रियों की संख्या के साथ चलाई जा रही हैं।
कोरोना में तैनात आयुष चिकित्सकों ने मांगी एक्सटेंशन
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू): कोरोना काल में राज्य के चिकित्सा ढांचे की मजबूती के लिए अनुबंध आधार पर नियुक्त बीएएमएस डाॅक्टर्स अब एक्सटेंशन के लिए भटक रहे हैं। सेवा विस्तार की मांग को लेकर डाॅक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मुलाकात की। स्वास्थ्य मंत्री विज ने डाॅक्टरों को उनकी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। इसके बाद डाॅक्टरों का प्रतिनिधिमंडल डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आवास पर पहुंचा। डिप्टी सीएम ने बीएएमएस डाॅक्टर्स की बात को सुना और आश्वासन दिया कि वे इस मामले पर संबंधित विभाग से बात करेंगे। अनुबंध आधार पर नियुक्त डाॅक्टरों ने बताया कि बीते अप्रैल महीने में प्रदेश सरकार ने 219 बीएएमएस डाॅक्टर्स को 89 दिनों के लिए नियुक्त किया था। पिछले महीने की आठ तारीख को उनका अनुबंध खत्म हो गया। वे सीएम से लेकर मंत्री और अधिकारियों से एक्सटेंशन की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सेवा विस्तार नहीं मिला।