करनाल, 2 अगस्त(हप्र)
करनाल के समाजसेवियों सेवियों ने लोहे के जाल में फंसे पेड़ों को मुक्त करके उन्हें नया जीवन देने के लिए अनोखी मुहिम शुरू की है। ट्री-गार्ड फ्री ट्री नाम की इस मुहिम के तहत लक्ष्य जनहित सोसाइटी के कार्यकर्ताओं ने अब तक शहर में 100 से अधिक पेड़ों को ट्री-गार्ड से मुक्त करने पर आज केक काटकर उत्सव मनाया गया। सोसायटी के फाउंडर चेयरमैन दिनेश बख्शी एवं निशिकांत मित्तल ने बताया कि प्रशासन या अन्य लोगों द्वारा पेड़ लगाते समय ट्री-गार्ड लगाया जाता है, लेकिन फिर वह उसे गार्ड से मुक्त नहीं करते और बड़ा होने पर पेड़ जीवनभर के लिए लोहे के जाल में फंसकर रह जाता है। उन्होंने बताया कि बीते माह एक पेड़ को बचाने के लिए शुरू हुए इस कार्य ने अब मुहिम का रूप ले लिया है। टीम लक्ष्य ने ट्री-गार्ड फ्री की मुहिम जब शुरु की तब ऐसी उम्मीद नहीं थी कि हम एक महीने में 100 का आकड़ा छुएंगे।
समाजसेवी अमित सचदेवा व रोहताश लाठर ने कहा कि मुहिम में लोगों का काफी सहयोग मिला। अधिवक्ता राजेश शर्मा ने कहा कि बीते दिनों उन्होंने फोटो सोशल मीडिया पर डाली थी, जिसमें पेड़ ट्री-गार्ड में फंसा हुआ था। लेकिन किसी भी अधिकारी इसमें संज्ञान नही लिया। इसी दौरान लक्ष्य जनहित सोसायटी ने इसका संज्ञान लिया और शहर में अब यह अनोखी मुहिम शुरू हो गई है कि लोहे के जाल में फंसे सभी बड़े पेड़ों को मुक्त करवाकर उन्हे फलने-फूलने का अवसर दिया जाये। इस दौरान येस वी कैन के चेयरमैन संजय बत्तरा ने निशिकांत मित्तल, पंकज, हितेश गुप्ता, अमन दीप सिंह और मुनिराज शर्मा को अंगवस्त्र ओढ़ा सम्मानित किया।
पेड़ों की जड़ों से उखाड़ीं टाइल्स, कंक्रीट
कुरुक्षेत्र(हप्र) : पर्यावरण संरक्षण में कार्यरत ग्रीन अर्थ संगठन ने ‘पेड़ हमारी विरासत’ अभियान के 9वें सप्ताह पुराने पेड़ों की जड़ों से टाइल्स व कंक्रीट उखाड़कर कच्चा करने का अभियान चला रखा है। आज संगठन की टीम ने एडवोकेट सुशील कुमार की देखरेख में रेड क्रॉस भवन के पास खड़े 6 पेड़ों की जड़ों से टाइल्स व कंक्रीट हटाकर कच्चा किया ताकि पेड़ों में हवा-पानी जाता रहे तथा पेड़ों का पूर्ण विकास हो सके। संगठन सदस्य व पर्यावरणविद डॉ नरेश भारद्वाज ने बताया कि एनजीटी के आदेशानुसार पेड़ों के तने से कम से कम एक मीटर तक कच्ची जगह रखना जरूरी है। इस बारे, प्रशासन को कई बार ज्ञापन दिया गया, बावजूद इसके शहर में करीब 600 पेड़ों की जड़ों से कंक्रीट और टाइल्स नहीं हटाई जा रही हैं, जिसके कारण हरे भरे पेड़ सूख रहे हैं।