कपिल बस्सी
हमीरपुर, 4 दिसंबर
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि इतिहास हमारी सभ्यता, संस्कृति और साहित्य का अभिन्न अंग है और यह तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। इसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते। राज्यपाल शनिवार को जिलामुख्यालय के निकट ठाकुर जगदेव चंद ठाकुर स्मृति शोध संस्थान में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘भारतीय स्वाधीनता आंदोलन: वृत्तांत, स्मृतियां एवं नेपथ्य-नायक’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय परिसंवाद एवं वेबीनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह 2 दिवसीय परिसंवाद भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद और केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के इतिहास विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया। इस मौके पर देशभर के विद्वानों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी हमारे इतिहास के कई महत्वपूर्ण विषयों को अभी तक स्पर्श ही नहीं किया गया है, ऐसे विषयों पर कई बार हम चर्चा करने से भी डरते हैं। इस दिशा में नेरी में आयोजित यह परिसंवाद नि:संदेह एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि ऐतिहासिक घटनाओं की सही डॉक्यूमेंटेशन एवं तथ्यात्मक जानकारी आज की पीढ़ी तक पहुंचाई जानी चाहिए। उन्होंने हमारी समृद्ध संस्कृति और संस्कारों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्यपाल ने डॉ. ओम प्रकाश शर्मा द्वारा हिमाचल प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित एक लघु वृत्तचित्र, डॉ. शिव भारद्वाज की पुस्तक स्वराज संघर्ष में हिमाचल के नेपथ्य नायक पुस्तक इतिहास लेखन में लोक गाथाओं का योगदान और परिसंवाद की स्मारिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर विधायक एवं उप मुख्य सचेतक कमलेश कुमारी, विधायक नरेंद्र ठाकुर मौजूद रहे।