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बिलासपुर की गोविंद सागर झील में हो रही वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को हाईकोर्ट में चुनौती

शिमला, 4 अक्तूबर (हप्र) हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बिलासपुर जिले की गोविंद सागर झील में चल रही वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने पर्यटन विभाग के सचिव सहित पर्यटन निदेशक, पर्यटन खेल, व्यापार एवं रोजगार सृजन...

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शिमला, 4 अक्तूबर (हप्र)

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बिलासपुर जिले की गोविंद सागर झील में चल रही वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने पर्यटन विभाग के सचिव सहित पर्यटन निदेशक, पर्यटन खेल, व्यापार एवं रोजगार सृजन सोसाइटी के अध्यक्ष सह उपायुक्त जिला बिलासपुर, मेसर्ज हिमालयन एडवेंचर और मेसर्ज गन्धर्वी बिल्डर को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 अक्तूबर को निर्धारित की है। इस संबंध में प्रार्थी मेसर्ज एमजी स्काई एडवेंचरज ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की है।

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डीसी बिलासपुर को जारी किया नोटिस, जवाब तलब

हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव पर्यटन सहित डीसी बिलासपुर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि डीसी बिलासपुर मनमाने तरीके से गोविंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां करवा रहा है, जबकि इन गतिविधियों को चलाने के लिए सिर्फ और सिर्फ प्रार्थी को ही टेंडर जारी किया गया है। आरोप लगाया गया है कि प्रार्थी हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ वाटर स्पोर्ट्स से जुड़ी गतिविधियां करवाने के लिए पंजीकृत है जबकि डीसी बिलासपुर मेसर्ज हिमालन एडवेंचर और मेसर्ज गन्धर्वी बिल्डर के माध्यम से अवैध गतिविधियां करवा रहा है।

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आरोप लगाया गया है कि हिमालयन एडवेंचर और गन्धर्वी बिल्डर्स न तो प्रदेश सरकार में वाटर स्पोर्ट्स के संचालन के लिए पंजीकृत है और न ही उन्होंने अनुभवी ट्रेनर तैनात किए हैं। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि डीसी बिलासपुर वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को करवाने में अहम भूमिका निभा रहा है जिसकी एवज में प्रार्थी से घूस लेने के आरोप भी लगाए गए हैं।

कोर्ट को याचिका के माध्यम से बताया गया कि नियमों के मुताबिक 15 जुलाई से 15 सितंबर तक किसी भी वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधि पर रोक रहती है जबकि डीसी बिलासपुर द्वारा मेसर्ज हिमालय एडवेंचर और गन्धर्वी बिल्डर्स से अवैध गतिविधियां करवाई गई। कोर्ट को बताया गया कि इन अवैध गतिविधियों को 30 अगस्त के दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था इसके बाद डीसी बिलासपुर ने उल्टे प्रार्थी को ही इन अवैध गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया।

प्रार्थी ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि इन अवैध गतिविधियों को तुरंत प्रभाव से बंद करवाया जाए और टेंडर के अनुसार प्रार्थी फर्म को ही वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियां करवाने के आदेश दिए जाए। कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि हिमालयन एडवेंचर और गन्धर्वी बिल्डर को पंजीकरण और अनुभव की कमी के चलते वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के संचालन से रोका जाए। डीसी बिलासपुर के खिलाफ लगाए आरोपों की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग भी की गई है।

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