शिमला (निस) : अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों द्वारा चुनी हुई सरकार का तख्ता पलट करने के बाद हिमाचल के दो युवक अफगानिस्तान में फंस गए हैं। इनमें नवीन ठाकुर और राहुल बुराड़ी शामिल हैं। ये दोनों मंडी जिला के सरकाघाट के रहने वाले हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि उनकी सरकार इन फंसे युवाओं को सुरक्षित वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। ये दोनों युवक नौकरी के सिलसिले में अफगानिस्तान गए हुए थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए अफगानिस्तान की स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि एक चुनी हुई सरकार का आतंकवादी संगठन द्वारा तख्ता पलट कर देना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में फंसे देश के लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार पहले से ही सक्रिय हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार भी प्रदेश के फंसे दो युवकों को सुरक्षित वापिस लाने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर इन दो युवाओं के अलावा भी कोई हिमाचली अफगानिस्तान में फंसा है तो उसे भी निकालने के सभी प्रयास होंगे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।