योगराज भाटिया/निस
बीबीएन, 4 दिसंबर
बद्दी में नकली दवा मामले के मुख्य आरोपी मोहित बंसल के पैतृक गृह नगर आगरा से सीलबंद दवाइयों की खेप आज बद्दी पहुंची जिसकी गिनती देर शाम तक चलती रही। आज ट्रांसपोर्ट के माध्यम से बद्दी पहुंची दर्द निवारक दवाइयां भारत की नामी कंपनियां सिपला, यूएसवी और एरिस लाइफ सांइस लिमिटेड गुवाहटी की हैं। ये दवाइयां असली है या नकली यह पता करना अब विभाग का अगला कार्य है। इसके लिए तमाम दवाओं के सैंपल ड्रग टेस्टिंग लैब में भेजे जाएंगे और वहां से रिपोर्ट आने के बाद जांच में पता चलेगा कि मोहित बंसल ने ये दवाइयां बनाई थी या नहीं। प्रथम दृष्टि में विभाग यह मान रहा है यह पूरी तरह नकली दवाइयां है जो मुख्यारोपी ने कोरियर से भेजी थीं।
नकली दवा निर्माण करने वाले गिरोह ने बद्दी में ये संदिग्ध दवाएं बनाकर ट्रांसपोर्ट से 21 नवंबर को आगरा भेजी थी, लेकिन इसी बीच बद्दी में 22 तारीख को विभाग ने उसकी कंपनी को सील कर दिया। ये दवाइयां डिलीवर करने जब संबधित मालवाहक ट्रांसपोर्ट कंपनी मोहित बंसल के मेडिकल स्टोर आगरा पर 25 नंवबर को पहुंची तो वहां सील लगी पाई गई। इसके बाद कोरियर कंपनी ने उसके रिश्तेदारों को कहा कि माल छुड़वा लो तो कोई आगे नहीं आया।
पुलिस रिमांड में मोहित ने बताया था कि उसने दवाइयां भेजी थी, इस पर बद्दी से ड्रग विभाग की टीमें आगरा गई और संबधित कोरियर कंपनी से बात की कि ये दवाइयां नकली हैं और इसका कब्जा हमें दे दो। कोरियर कंपनी से तुरंत ये दवाइयां विभागीय अधिकारी बद्दी अपनी देखरेख में वापस लाए जिसकी गिनती आज सुबह शुरू की। बरामद की गई दवाइयों की कीमत 28 लाख रुपये है।
तहसीलदार बद्दी की देखरेख में आज वापस लाई गई दवाइयों की सील खोली गई। मौके पर उपस्थित ड्रग इंस्पेक्टरों ने दवाइयों की गिनती की और फिर उसे सीलबंद कर दिया। गौरतलब है कि शनिवार को मुख्य आरोपी मोहित बंसल का पुलिस रिमांड समाप्त हो गया था और न्यायालय ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मोहित ने बताया कि उसने यह दवाइयां ट्रांसपोर्ट से आगरा भेजी थी जहां से उसको देश के अलग अलग हिस्सों में बेचा जाना था। प्रदेश के पूर्व सीएम शांता कुमार व सांसद किशन कपूर द्वारा इस मामले को उठाने के बाद यह सुर्खियों में आ गया था।
गहनता से हो रही जांच : ड्रग कंट्रोलर
राज्य ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाहा ने बताया कि इस विषय में हम गहनता से जांच कर रहे हैं और समस्त रिपोर्ट राज्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव हिमाचल को सौंपी जा रही है। विभाग तत्परता से जुटा है और इस मामले में कोई भी साक्ष्य छोड़ा नहीं जाएगा।