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20 वर्षों से नहीं हुई बीपीएल परिवारों की छंटनी

सोलन में पात्र लोगों को नहीं मिल पा रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
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यशपाल कपूर / निस

सोलन, 15 मई

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हिमाचल प्रदेश में तेजी से विकसित हो रहे सोलन शहर में बीस वर्षों से बीपीएल परिवारों की छंटनी न होने के कारण पात्र लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। इस अवधि में कई बीपीएल परिवारों ने पक्के मकान तो बनवा ही लिए हैं उनके पास गाड़ी और दो पहिया वाहन भी हैं। ऐसे में पात्र लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। निगम के पास अभी तक बीपीएल पात्र व अपात्र छंटनी करने की शक्तियां नहीं हैं। निगम ने प्रस्ताव पारित कर प्रदेश सरकार को बीपीएल परिवार की छंटनी की अनुमति मांगी है। यदि सरकार निगम के इस प्रस्ताव को मानती है तो जल्द ही निगम अपने स्तर पर बीपीएल परिवारों के नाम काटने और जोड़ने का काम कर सकती है। इसको लेकर प्रदेश की अलग-अलग निगमों में मेयर और डिप्टी मेयर की एक कमेटी बनी है। हालांकि इसके बाद भी अभी तक सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।

बीपीएल परिवारों को जोड़ने और निकालने का सर्वे प्रदेश सरकार द्वारा ही किया जाता है लेकिन प्रदेश की निगमों में कई वर्षों से यह बीपीएल सर्वे नहीं हो पाया है। नतीजतन आज भी जहां कुछ पात्र लोग इस सुविधा से वंचित हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ अपात्र लोग आज भी इसका लाभ ले रहे हैं। ऐसे में नगर निगम ने फैसला किया है कि यदि सरकार उन्हें बीपीएल परिवार जोड़ने और काटने की शक्तियां दे तो वह निगम हाउस में ही पात्र परिवारों को जोड़कर अपात्रों को बाहर कर देगी।

सोलन नगर निगम में पिछला सर्वे वर्ष 2004 में हुआ था। इसके बाद से आज तक सर्वे नहीं हो पाया है। ऐसे में जहां कई पात्र लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं तो कई अपात्र लोग कई वर्षों से बीपीएल में ही जमे हुए हैं। हालांकि इस दौरान 25 लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने खुद एमसी में आकर अपना नाम कटवाया है। निगम अधिकारियों की मानें तो शहर में 541 बीपीएल कार्ड धारक थे। जिनमें से 25 ने कुछ वर्ष पहले अपना नाम कटवाया है। अब उनकी जगह नए लोगों को जोड़ना है, लेकिन सरकार की हरी झंडी न मिलने से यह काम कई वर्षों से अधर में ही लटका हुआ है।

516 बीपीएल कार्डधारक ले रहे सरकारी सुविधाएं

वर्तमान में 516 बीपीएल कार्ड धारक शहर में सरकारी सुविधाएं ले रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि वर्तमान में इन बीपीएल धारकों में से कई तो सरकारी नौकरी में भी हैं और कई इस क्राइटेरिया से बाहर हैं। ऐसे में तुरंत सर्वे करवा कर पात्र लोगों को जोड़ कर अपात्र को बाहर करना चाहिए। शहर में बीपीएल सर्वे करवाया जाना चाहिए। इसको लेकर सोलन नगर निगम ने कई बार सरकार को पत्र भी लिखा है। बावजूद इसके सरकार की तरफ से सर्वे करवाने के लिए हरी झंडी नहीं मिल पाई है।

'' वर्ष 2004 में बीपीएल चयन के लिए सोलन शहर में सर्वे हुआ था। उसके बाद से आज तक सर्वे नहीं हो पाया है। इसी को देखते हुए सोलन नगर निगम ने सरकार से पत्राचार किया है। इसमें सोलन नगर निगम के तहत बीपीएल में पात्र लोगों को जोड़ने और अपात्र को बाहर करने का अधिकार दिए जाने की मांग की गई है। ''

- ऊषा शर्मा, मेयर सोलन नगर निगम

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