शिमला, 20 सितंबर(हप्र)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य में आई आपदा पर चल रही चर्चा के तीसरे दिन बुधवार को सत्तापक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे को घेरा लेकिन अधिकांश समय चर्चा आपदा से हटकर राजनीति और अन्य मुद्दों पर हुई।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में सदी की सबसे भीषण तबाही हुई है। फिर भी हिमाचल को सताया जा रहा है। नेगी ने कहा कि केंद्र ने टीमें भेजीं मगर अब तक राहत नहीं दी गई।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश पर भले ही आपदा आई है लेकिन इससे सीखने को भी बहुत कुछ मिला है। उन्होंने कहा कि आपदा में जो भी कमी सड़क निर्माण में सामने आई है, उसे भविष्य में नहीं दोहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी बंद सड़कों को इस महीने के अंत तक बड़े वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि क्रशर, फैक्टरी और होटल लगाना हर विधायक का हक है। उन्होंने कहा कि अगर कोई विधायक यह सब चला रहा है तो वह लोगों को रोजगार भी दे रहा है। सत्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री को बचे हुए तीन मंत्री पद भी जल्द भर देने चाहिए। उन्होंने शिमला में उम्रदराज पेड़ों का तुरंत सर्वे कराने और इन्हें काटने की सलाह दी।
चर्चा में हिस्सा लेते हुए सुखराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश को विशेष पैकेज मिलना चाहिए, इसका समर्थन वह करते हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार को विधानसभा चुनावों में दी हुई गारंटियां भी पूरी करनी चाहिए। भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि अगर हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया जाता है तो इससे प्रदेश को बड़ा नुकसान होगा। चर्चा में केएल ठाकुर, रीना कश्यप, लोकिन्द्र कुमार, आरएस बाली, दीप राज, आशीष शर्मा, यादविंदर गोमा, पूर्ण चंद ठाकुर और अन्य ने भी हिस्सा लिया।