
शिमला, 16 मार्च (निस)
हिमाचल प्रदेश में कोरोनाकाल के बाद प्रति व्यक्ति आय में और इजाफा हुआ है। मौजूदा वित्त वर्ष में इसके 2,22,227 रुपए रहने का अनुमान जताया गया है। प्रति व्यक्ति आय में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस 10.4 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। वर्ष 2022-23 में हिमाचल की अनुमानित प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 51,607 रुपए अधिक है। इसका खुलासा आज राज्य विधानसभा में पेश किए गए हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे सदन में प्रस्तुत किया। इस आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना काल में के बाद प्रदेश की विकास दर भले ही तेजी से सुधरी लेकिन चालू वित्त वर्ष में इसमें फिर से कमी दर्ज की गई है और इसके 6.4 फीसदी तक रहने का अनुमान है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष की 7.6 फीसदी की विकास दर के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में विकास दर में 1.2 फीसदी की कमी आई है। ये कमी कृषि उत्पादन में कमी के कारण आई है। राज्य की जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 42.97 फीसदी रहने का अनुमान है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में प्रदेश की जीडीपी बीते साल की तुलना में 8143 करोड़ अधिक होगी। चालू वित्त वर्ष में राज्य की जीडीपी एक लाख 95 हजार 404 करोड़ अनुमानित है। बीते वित्तीय वर्ष के अस्थायी अनुमानों एक लाख 76 हजार 269 के मुकाबले यह 19135 करोड़ अधिक है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में बीते माली साल के 13.5 फीसदी के मुकाबले नॉमिनल जीडीपी 10.9 फीसदी अनुमानित है।
सर्वेक्षण के मुताबिक सभी पड़ोसी और अखिल भारतीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर सबसे कम 4.0 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 4.1 फीसद, उत्तराखंड में 7.8 फीसद, पंजाब में 6.4 और हरियाणा में 9.0 फीसद है। वहीं, प्रदेश की महिलाएं परिश्रम के मामले में देश और पड़ोसी राज्यों में बहुत आगे हैं। हिमाचली महिलाओं का प्रतिशत 50.5 फीसदी सबसे अधिक आया है। जबकि अखिल भारतीय स्तर और पड़ोसी राज्यों की तुलना में अधिक है।
सैलानियों की संख्या 1.50 करोड़ के हुई पार
कोरोनाकाल से पहले प्रदेश में पर्यटकों की आमद 1.75 करोड़ तक पहुंच चुकी थी। वर्ष 2020 में कोरोनाकाल के पहले वर्ष 32 लाख और दूसरे वर्ष कुछ सुधार होने पर 54 लाख पर्यटक पहुंचे थे। उसके बाद पर्यटकों की आमद बढ़कर 1.50 करोड़ से अधिक पहुंची गई है।
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