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राज्यपाल ने वजीर राम सिंह पठानिया की प्रतिमा का किया अनावरण

शिमला, 7 अक्तूबर(हप्र) राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि वजीर राम सिंह पठानिया की विरासत हमारे स्मृति पटल पर हमेशा बनी रहेगी, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला संगठित सशस्त्र विद्रोह शुरू कर लोगों को अपनी...

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शिमला, 7 अक्तूबर(हप्र)

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि वजीर राम सिंह पठानिया की विरासत हमारे स्मृति पटल पर हमेशा बनी रहेगी, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला संगठित सशस्त्र विद्रोह शुरू कर लोगों को अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। वह आज कांगड़ा जिला के नूरपुर उपमंडल में महान स्वतंत्रता सेनानी वजीर राम सिंह पठानिया की प्रतिमा के अनावरण समारोह पर संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि वजीर राम सिंह पठानिया, साहस, देशभक्ति और दृढ़ संकल्प का उदाहरण हैं, जिसके लिए इतिहास उन्हें सदैव याद रखेगा। उन्होंने कहा कि आज हम यहां न केवल इस महान योद्धा को श्रद्धांजलि अर्पित करने बल्कि उनकी विरासत को सहेजनेे के लिए भी एकत्रित हुए हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि बहादुर योद्धा वजीर राम सिंह पठानिया ने 1857 की क्रांति से एक दशक पहले पहाड़ी क्षेत्रों में 1848 की क्रांति का नेतृत्व भी किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ लोगों को खड़ा होने के लिए प्रेरित किया। शाहपुर की लड़ाई में उनका अपार शौर्य आजादी के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने मुट्ठीभर लोगों के सहयोग से ब्रिटिश सल्तनत को हिला दिया।

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राज्यपाल ने कहा कि ब्रिटिश शासन ने वजीर राम सिंह पठानिया को गिरफ्तार करने के लिए षड्यंत्र रचा और उन्हें आजीवन कारावास की सजा देकर कालापानी भेज दिया। इसके उपरांत रंगून भेज दिया गया और उन पर बहुत ज्यादा जुल्म हुए। उन्होंने 11 नवम्बर, 1849 में मात्र 24 साल की उम्र में शहादत पाई। उनका बलिदान देश के स्वतंत्रता संघर्ष की नींव था, जिसे आगे चलकर भारत की आजादी के लिए विद्रोह को ताकत मिली। उनके इस बलिदान को हमेशा याद  रखा जाएगा।

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