रवींद्र वासन/निस
धर्मशाला, 29 सितंबर
प्रदेश शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के पाठ्यक्रम में प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को भी शामिल किया जाए। विदेशी आक्रांताओं और शासकों से पूर्व के प्रदेश के इतिहास को बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ियां अपने समृद्ध इतिहास से रूबरू हो सकें। इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाकर इन विषयों पर तथ्यपरक शोध कर इसे पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की दिशा में काम करे। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में शुक्रवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह बात कही। इस दौरान मुख्य संसदीय सचिव शिक्षा आशीष बुटेल और बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल भी उपस्थित रहे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे देश के साथ-साथ प्रदेश का इतिहास भी बहुत गौरवशाली रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि प्रदेश के कईं हिस्सों विशेषकर जिला कांगड़ा का जिक्र महाभारत तक में आता है।
उन्होंने कहा कि वीर राम सिंह पठानिया, जनरल जोरावल सिंह, पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम, प्रजा मंडल, डॉ. यशवंत सिंह परमार सरीखे विभुतियों और ऐतिहासिक घटनाक्रमों से हमारे बच्चे परिचित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस गौरवशाली इतिहास की जानकारी केवल इतिहास विषय पढ़ने वाले बच्चों तक सीमित न होकर सभी बच्चों तक पहुंचे, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।