मंडी (निस) : सरकाघाट थौना सड़क मार्ग पर आंबी से पलासड़ा वायां घरेसा, कलोहधार संपर्क का उद्घाटन 15 साल पहले तत्कालीन मंत्री ने किया था और उस दिन इस सड़क पर बस भी चली थी। राजनीतिक उपेक्षा की शिकार हुुई यह सड़क न ही पक्की हुई न ही आज तक बस ही चली। ग्रामीणों ने इस बारे विधायक, विभाग को अवगत भी करवाया है। सरकार के इस रवैये से खफा महिला मंडल घरेसा की प्रधान विमलायतों के एक दर्जन गांवों- आंबी, अपर बंहू, मन्हूधार, घरेसा, कलोह, नौण, चढ़ी और पलासड़ा आदि के सैकड़ों लोगों ने सड़क पक्की करने और बस चलाने की मांग की है। स्थानीय विधायक भी इस सड़क पर बस चलाने की मांग कर चुके हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।