शिमला, 1 अक्तूबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 1844 कोरोना वारियर की नौकरी से छुट्टी कर दी है। ये कोरोना वारियर स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स पर तैनात थे। इन कर्मचारियों को ई-मेल और घर के पते पर नौकरी से निकाले जाने का संदेश भेजा गया है। संदेश में आउटसोर्स पर तैनात इन कर्मचारियों को अस्पतालों में न आने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पूर्व भाजपा सरकार के वक्त कोविड-19 महामारी के दौरान इन कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। कोरोना आउटसोर्स कर्मचारियों को अस्पतालों में ओपीडी व लैब में तैनात किया गया था। अस्पतालों में भर्ती रोगियों के टेस्ट करवाने का जिम्मा इन कर्मचारियों पर था। कभी वेतन न मिलने तो कभी किसी अन्य कारण के चलते इन्हें सचिवालय के बाहर धरना देना पड़ता था। विधानसभा के भीतर व बाहर विपक्ष न सिर्फ कोरोना आउटसोर्स बल्कि अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा भी उठाता रहा। विधानसभा के बीते मानसून सत्र में भी विपक्ष ने इन कर्मचारियों का मुद्दा उठाया। हिमाचल कोरोना आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष अंजलि भारद्वाज ने कहा कि कोरोना के समय में सरकार ने स्टाफ नर्सें, लैब टैक्निशियन, वार्ड बॉयए फार्मासिस्ट, कुक और चालकों की नियुक्ति की थी। बिना अवकाश के कर्मचारियों ने अस्पतालों में सेवाएं दी हैं। कोरोना काल में गांव-गांव जाकर लोगों को जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल के अस्पतालों में सेवाएं देने के बावजूद कोरोना आउटसोर्स कर्मचारियों को छह महीने से वेतन तक नहीं मिला है। यह मामला भी सरकार के ध्यान में लाया गया है। मगर आश्वासन के सिवाय कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यूनियन मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर उन्हें नौकरी से न निकालने की गुहार लगाएगी।