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मंडी में 6 से शुरू होगा श्रीरामाचार्य महायज्ञ, देश भर से 350 संत लेंगे भाग

मंडी, 2 नवंबर (निस) अयोध्या में रामलला की मूर्ति स्थापना के बाद हिमाचल में पहली बार श्रीरामाचार्य महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। छोटी काशी मंडी में 6 से 14 नवंबर तक हो रहे श्रीरामार्चा महायज्ञ महोत्सव को लेकर...

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मंडी में शनिवार को निमंत्रण-पत्र बांटते स्वामी स्वामी श्री राजेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज। -निस
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मंडी, 2 नवंबर (निस)

अयोध्या में रामलला की मूर्ति स्थापना के बाद हिमाचल में पहली बार श्रीरामाचार्य महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। छोटी काशी मंडी में 6 से 14 नवंबर तक हो रहे श्रीरामार्चा महायज्ञ महोत्सव को लेकर आयोजक महंत स्वामी श्री राजेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि यह यज्ञ जन कल्याण के निमित करवाया जा रहा है। इसमें कथा व्यास श्रीमानस पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री रामानन्दाचार्य स्वामी श्री रामललाचार्य जी महाराज श्री मानस पीठ खजुरीताल जिला मैहर मध्यप्रदेश होंगे। इसके साथ ही अनंत श्री विभूषित जगतगुरु शंकराचार्य भानपुरा पीठाधीश्वर स्वामी श्रीश्री 1008 ज्ञानानंद जी तीर्थ महाराज ज्योतिर्मठ अवान्तर भानपुरा पीठ जिला मंदसौर मध्यप्रदेश व अनंत श्री विभूषित निर्वाण पीठाधीश्वर 1008 राजगुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज बिकानेर के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त होगा। महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि इस यज्ञ और श्रीराम कथा में देशभर से 350 के करीब संत भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यज्ञ को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं और व्यवस्थापकों के कार्ड आदि बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही इस महोत्सव में सभी धर्मों और वर्गों के लोग भाग ले सकते हैंए यह यज्ञ सबके लिए है और सबके लिए भंडारे का प्रबंध भी रहेगा। महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ब्रह्मांड में सबसे पहले श्रीरामार्चा महायज्ञ भगवान शिव ने किया था तदोपरांत ब्रह्माजी से इस यज्ञ को किया था। इस यज्ञ में भाग लेने या सेवा करने या फिर प्रसाद ग्रहण करने का बराबर फल हैए इसलिए यज्ञ में सम्मिलित होने पर कल्याण ही कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि यज्ञ को लेकर सभी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों और आम जनता को निमंत्रण दिया गया है। इसमें बड़ी संख्या लोग भाग लेंगे। पांच नवंबर को ध्वजा पूजन और 6 नवंबर को शीतला माता मंदिर से कलश यात्रा निकाली जाएगी, जो पड्डल यज्ञ स्थल तक जाएगी। यज्ञ में सनोरघाटी के गणपति देवता भी मौजूद रहेंगे तथा बंजार कुल्लू घाटी से देवता श्रृंगा ऋषि भी यज्ञ को संपन्न करवाने के लिए मंडी आ रहे हैं।

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