शिमला, 24 सितंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में फिर से रौनक लौटेगी। जयराम ठाकुर सरकार ने राज्य में नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की स्कूलों को खोलने की मंजूरी दे दी है। ये मंजूरी प्रदेश मंत्रिमण्डल की आज शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में दी गई। मंत्रिमण्डल ने राज्य के शिक्षा विभाग में एक साथ 8000 मल्टी टास्क वर्कर भर्ती करने का भी बड़ा फैसला लिया। इस नीति के अनुसार एक शैक्षणिक वर्ष में 10 महीनों के लिए 5625 रुपये प्रतिमाह मानदेय इन बहुद्देशीय कार्यकर्ताओं को प्रदान किया जाएगा। मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक सप्ताह के पहले तीन दिन 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थी स्कूल आएंगे जबकि 9वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थी सप्ताह के अन्तिम तीन दिन स्कूल आएंगे ताकि कोरोना प्रोटोकोल का पालन हो सके और बच्चों की पढ़ाई भी ऑफलाइन शुरू की जा सके। स्कूल खुलने पर कोरोना से बचाव के सभी उपायों का कड़ाई से पालन करना होगा। गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले पौने दो साल से स्कूल बंद है। सरकार ने इसी साल 9वीं से12वीं तक के स्कूल खोलने का प्रयास किया था। लेकिन बड़ी संख्या में बच्चों और शिक्षकों के एक साथ कोरोना पॉजिटिव आने के चलते 10 दिनों के बाद ही सरकार को स्कूलों को फिर से बंद करने का फैसला लेना पड़ा। अब स्वास्थ्य विभाग की हरी झंडी के बाद सरकार ने एक बार फिर से स्कूल खोलने का फैसला लिया है। हालांकि प्रदेश में कोरोना मामलों में वृद्धि का ट्रेंड जारी है।
मंत्रिमण्डल ने कुल्लू जिला की मनाली तहसील की ग्राम पंचायत नसोगी के गांव छियाल में नया आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने को स्वीकृति प्रदान की। बैठक में राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के 20 पदों को नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से भरने को स्वीकृति प्रदान की।
जेबीटी, सी एंड वी स्थानांतरण नीति में संशोधन
मंत्रिमण्डल ने राज्य में जेबीटी और सी एण्ड वी अध्यापकों के अन्तर जिला स्थानान्तरण के लिए स्थानान्तरण नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया, जिसके अन्तर्गत दूसरे जिले में स्थानान्तरण के लिए निर्धारित वर्तमान कार्यकाल को 13 वर्ष से घटाकर पांच वर्ष किया गया है, जिसमें अनुबन्ध अवधि भी शामिल है और वर्तमान तीन प्रतिशत कोटे को बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में आउटसोर्स पर रखे गए आईटी अध्यापकों के मानदेय में एक अप्रैल, 2021 से 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।