भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक पर एक करोड़ तक के जुर्माने का प्रवधान
विधेयक के अनुसार भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, अनुचित साधनों का उपयोग, या ओएमआर शीट तथा डिजिटल माध्यमों में छेड़छाड़ जैसी गतिविधियों पर अब 3 से 5 वर्ष तक की कारावास और 10 लाख रुपये तक जुर्माना का प्रावधान किया गया है। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में सजा भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत बढ़ाई जा सकेगी।
विधेयक में सेवा प्रदाताओं पर भी सख्ती बरतने का प्रावधान है। परीक्षा संचालन में अनुचित साधनों का इस्तेमाल पाए जाने पर संबंधित सेवा प्रदाता पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और उसे 4 वर्ष तक किसी भी परीक्षा का कार्य नहीं सौंपा जाएगा।
यदि किसी सेवा प्रदाता कंपनी के निदेशक या कर्मचारी की संलिप्तता सिद्ध होती है, तो उन्हें 3 से 10 वर्ष तक की सजा भोगनी होगी।
इन मामलों की जांच उप-निरीक्षक से नीचे के अधिकारी को नहीं सौंपी जाएगी, ताकि जांच प्रक्रिया प्रभावी और निष्पक्ष रह सके।
