ज्ञान ठाकुर
निज संवाददाता
शिमला, 5 अक्तूबर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कई सौगातें देकर बिलासपुर से चुनावी शंखनाद किया। प्रधानमंत्री ने बिलासपुर में 3650 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास किये। इनमें से 1470 करोड़ की लागत से बना बिलासपुर एम्स और 150 करोड़ से बना हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल है। प्रधानमंत्री ने पिंजौर-नालागढ़ फोर लेन और मेडिकल डिवाइस पार्क का शिलान्यासभी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर बिलासपुर के लुहणू मैदान में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल में बीते आठ सालों के दौरान जो भी विकास हुआ वह यहा की जनता और उसके वोट के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि यदि हिमाचल की जनता दिल्ली और प्रदेश के लिए भाजपा को आशीर्वाद न देती तो विरोधी विकास में अड़ंगे डालते, लेकिन प्रदेश की जनता ने आशीर्वाद दिया और केंद्र तथा प्रदेश की डबल इंजन की सरकार के चलते आज हिमाचल देश भर में विकास के मामले अग्रणी राज्य बना हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सरकारें शिलान्यास के पत्थर लगाती थीं और चुनाव के बाद भूल जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होता। हमारी सरकार की पहचान है कि जिन प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास करती है उनका लोकार्पण भी करती है और लटकने, झटकने व भटकने का जमाना चला गया है। मोदी ने कहा कि आज भारत मेडिकल टूरिज्म का बहुत बड़ा आकर्षण बन रहा है और जब दुनिया के लोग मेडिकल टूरिज्म के लिए यहां आयेंगे तो हिमाचल को इसका बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल में मेडिकल टूरिज्म के माहौल सबसे उपयुक्त है।
मोदी ने कहा कि हिमाचल में पानी के जितने कनेक्शन सात दशक में नहीं दिए गए उतने हमारी सरकार ने तीन साल में दे दिए। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में हुए विकास का भी जिक्र किया और कहा कि हिमाचल में कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने के लिए 50,000 करोड़ रुपए के काम चल रहे हैं। उन्होंने ड्रोन के क्षेत्र में हिमाचल की पहल की भी सराहना की और कहा कि इससे किसानों और बागवानों को बहुत लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने अक्तूबर 2017 में एम्स का शिलान्यास किया था। केंद्रीय क्षेत्र की योजना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत इसे स्थापित किया गया है। एम्स बिलासपुरए 1470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित है। इस अत्याधुनिक अस्पताल में 18 स्पेशियलिटी और 17 सुपर स्पेशियलिटी विभाग, 18 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, 64 आईसीयू बेड के साथ 750 बेड शामिल है। यह अस्पताल 247 एकड़ में फैला है। यह 24 घंटे आपातकालीन और डायलिसिस सुविधाओं, अल्ट्रासोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि जैसी आधुनिक डायग्नोस्टिक मशीनों, अमृत फार्मेसी व जन औषधि केंद्र और 30 बिस्तरों वाले आयुष ब्लॉक से सुसज्जित है। अस्पताल ने हिमाचल प्रदेश के जनजातीय और दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया है। साथ ही काजा, सलूनी और केलांग जैसे दुर्गम जनजातीय और अधिक ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से अस्पताल द्वारा विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इस अस्पताल में हर साल एमबीबीएस कोर्स के लिए 100 छात्रों और नर्सिंग कोर्स के लिए 60 छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा।
150 करोड़ से बना हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज
प्रधानमंत्री ने बंदला में गवर्नमेंट हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का भी उद्घाटन किया। इस पर लगभग 140 करोड़ रुपये का व्यय हुआ है। इस कॉलेज से पनबिजली परियोजनाओं के लिए प्रशिक्षित कामगार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। हिमाचल प्रदेश इस क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में से एक है। इससे युवाओं के कौशल को बढ़ाने और पनबिजली क्षेत्र में रोजगार के पर्याप्त अवसर प्रदान करने में मदद मिलेगी।
पिंजौर-नालागढ़ फोर लेन
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग 105 पर पिंजौर से नालागढ़ तक करीब 31 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन का बनाने की परियोजना की आधारशिला रखी जिसकी लागत करीब 1690 करोड़ रुपये है। यह सड़क परियोजना अंबाला, चंडीगढ़, पंचकूला और सोलन-शिमला से बिलासपुर, मंडी और मनाली की ओर जाने वाले यातायात के लिए एक प्रमुख संपर्क लिंक है। चार लेन के इस राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 18 किमी का हिस्सा हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत आता है और शेष भाग हरियाणा में पड़ता है। यह राजमार्ग हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक केंद्र नालागढ़, बद्दी में बेहतर परिवहन सुविधा सुनिश्चित करेगा और क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी गति देगा। इससे राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मेडिकल डिवाइस पार्क
प्रधानमंत्री ने नालागढ़ में करीब 350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क की आधारशिला भी रखी। इस मेडिकल डिवाइस पार्क में उद्योग स्थापित करने के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापन पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इस परियोजना से क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।