धर्मशाला (निस) निर्वासित तिब्बतियन संसद के प्रधानमंत्री पद के लिए चल रही चुनावी प्रक्रिया में पेम्पा शेरिंग सबसे आगे चल रहे हैं, निर्वासित तिब्बत सरकार के चुनाव आयुक्त वांगड़ू शेरिंग ने प्रारम्भिक परिणाम पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए अब चार उम्मीदवार ही शेष रह गये हैं। इसमें पेम्पा शेरिंग 24,488 वोटों के साथ सबसे आगे चल रहे हैं जबकि दूसरे नम्बर पर केलसंग दोरजे हैं जिन्हें 14,544 वोट हासिल हुए हैं जबकि 13,363 वोटों के साथ गेरी डोलमा तीसरे और डुगजून भोटो 10,400 वोट के साथ चौथे स्थान पर हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए शेष बचे 4 दावेदारों में 21 मार्च को दो ही रह जाएंगे। इसके लिये मतों के हिसाब से छंटनी की जाएगी और 11 अप्रैल को अंतिम परिणाम घोषित किया जाएगा।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।